मध्य प्रदेश के डीजीपी चयन के लिए राज्य सरकार ने यूपीएससी को भेजा नौ नामों का पैनल

मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर कुमार सक्सेना आगामी 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राज्य सरकार ने नए डीजीपी के चयन की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को 9 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजा है। सरकार का लक्ष्य है कि 30 नवंबर से पहले नए डीजीपी का चयन हो जाए। जानकारी के अनुसार जिन नौ अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे गए हैं, वे सभी 30 से अधिक वर्षों की सेवा कर चुके हैं।

इन अधिकारियों में डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र मकवाना, डीजी ईओडब्ल्यू अजय कुमार शर्मा, डीजी जेल जीपी सिंह, स्पेशल डीजी आरएपीटीसी इंदौर वरुण कपूर, पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी उपेंद्र कुमार जैन, स्पेशल डीजी प्रोविजन आलोक रंजन, स्पेशल डीजी महिला सेल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, और स्पेशल डीजी योगेश मुद्गल शामिल हैं। अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना और अजय कुमार शर्मा में किसी एक को प्रदेश का नया डीजीपी बनाए जाने की संभावना सबसे अधिक है।

यूपीएससी द्वारा जल्द होगी चयन प्रक्रिया
यूपीएससी को पैनल मिलने के बाद, जल्द ही दिल्ली में एक बैठक आयोजित होगी जिसमें यूपीएससी  के अध्यक्ष या उनके नामित सदस्य, केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि, राज्य के मुख्य सचिव और वर्तमान डीजीपी शामिल होंगे। इस बैठक में यूपीएससी द्वारा पैनल में से तीन नामों को अंतिम रूप देकर राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार, राज्य सरकार को इन तीन नामों में से ही एक नाम को चुनकर आदेश जारी करना अनिवार्य होगा।

छह माह से कम सेवा अवधि वालों के नाम पैनल में नहीं
इस प्रक्रिया के तहत, भले ही तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी योग्य थे, लेकिन उनके नाम पैनल में शामिल नहीं किए गए हैं। यह अफसर हैं स्पेशल डीजी पुलिस सुधार शैलेश सिंह, स्पेशल डीजी रेल सुधीर कुमार साही और स्पेशल डीजी प्रशासन विजय कटारिया। इसका कारण यह है कि ये अधिकारी अगले छह महीने के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं और नियमों के अनुसार, जिन अधिकारियों का कार्यकाल छह महीने से कम का शेष होता है, उनका नाम पैनल में नहीं भेजा जाता है।

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