भोपाल में 24 और 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है. इस समिट में जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री भारतीय सेवा के लिए बनाए जाने वाले अत्याधुनिक वाहनों को प्रदर्शित करेगी. इस अवसर पर व्हीकल फैक्ट्री द्वारा बनाई गई मॉडिफाई माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल (एमपीवी) मुख्य आकर्षण का केंद्र होगी. यह वाहन पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निर्मित है और इसे देशभर में केवल जबलपुर में तैयार किया जाता है.
यह बख्तरबंद वाहन विशेष रूप से आतंकवाद और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को भारी विस्फोटक हमलों से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह जंगलों में होने वाले आईईडी धमाकों और अन्य घातक हमलों के प्रभाव से भारतीय सैनिकों की रक्षा करने में सक्षम है. इस वाहन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बड़े से बड़े विस्फोट में भी अंदर बैठे सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
व्हीकल फैक्ट्री के चीफ जनरल मैनेजर ने दी जानकारी
व्हीकल फैक्ट्री के चीफ जनरल मैनेजर संजीव कुमार भोला ने कहा कि इस ग्लोबल समिट से व्हीकल फैक्ट्री को बड़े निवेश मिलने की उम्मीद है, जिससे भारतीय सेवा के लिए बनाए जाने वाले वाहनों की लागत में कमी आ सकती है. उन्होंने बताया कि व्हीकल फैक्ट्री द्वारा निर्मित उत्पाद एशिया में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं और एक अच्छा निवेशक मिलने से उत्पादन और गुणवत्ता में और अधिक सुधार किया जा सकेगा.
भारतीय सेना को अब एक ऐसा वाहन मिल गया है, जो छुपकर हमला करने वाले दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री ने भारतीय सेना के लिए अपग्रेड माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल विकसित किया है. यह वाहन न केवल सैनिकों की रक्षा करेगा, बल्कि दुश्मनों को जवाब देने में भी मददगार साबित होगा.
व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने बनाया
आयुध निर्माणियों में व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर (वीएफजे) ही माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल का निर्माण करती है. यह वाहन आतंकवाद और नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में बेहद उपयोगी है. दुश्मनों द्वारा बारूदी सुरंगों से सेना को नुकसान पहुंचाने के नापाक इरादों को यह वाहन निष्फल कर देता है. यह भारी विस्फोटों को सहन करने की क्षमता रखता है, जिससे इसमें बैठे सैनिकों को कम से कम नुकसान होता है. सेना के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों के लिए भी यह वाहन एक रक्षा कवच की तरह काम करता है.
इस वाहन में हाई-पावर इंजन के साथ फायरिंग पोर्ट में बदलाव किया गया है. इसके अलावा, धुंध भरे इलाकों में कांच के ऊपर जमने वाली कोहरे की परत को हटाने के लिए विशेष उपकरण लगाए गए हैं. इसे पहले से अधिक मात्रा में बारूद के विस्फोट को झेलने योग्य भी बनाया गया है. एमपीवी में उच्च शक्ति वाला इंजन, सेल्फ रिकवरी विंच, बुलेट प्रूफ कांच और टायर लगाए गए हैं. इसके बुलेट प्रूफ टायर क्षतिग्रस्त होने के बावजूद भी 40 से 50 किलोमीटर तक वाहन को सुचारु रूप से चला सकते हैं.
18,000 फीट ऊंची चोटी पर किया गया परीक्षण
हाल ही में इस वाहन का परीक्षण हिमालय की 18,000 फीट ऊंची चोटी पर किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा. यह विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम है. संजीव कुमार भोला, चीफ जनरल मैनेजर, व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ने कहा कि इस समिट के माध्यम से व्हीकल फैक्ट्री को वैश्विक निवेशकों का समर्थन मिलने की संभावना है, जिससे भारतीय रक्षा क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी.