मध्यप्रदेश में फिर आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया है। गुना में बुधवार दोपहर 2 बजे के बाद मौसम बदल गया। 3 बजे बारिश शुरू हो गई। रतलाम, नीमच, अशोकनगर और सागर में भी पानी गिरा। मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में बारिश के बीच पेड़ गिर गया। तेज हवा, गरज-चमक के साथ बारिश हुई।
मंगलवार शाम और रात में जबलपुर और छिंदवाड़ा जिले में ओले गिरे। अरब सागर, बंगाल की खाड़ी से नमी आने और वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने से मई के पहले सप्ताह तक ऐसा ही मौसम रहेगा। भोपाल-जबलपुर में अगले 4 दिन बारिश होने की संभावना है। प्रदेश के आधे हिस्से में बारिश के आसार हैं। इंदौर-ग्वालियर में बादल छाए रहेंगे।
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि 26 अप्रैल से उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो जाएगा। मध्यप्रदेश में 27 अप्रैल से इसका असर दिखाई देगा। 4 मई तक यह एक्टिव रहेगा। इस कारण मई के शुरुआती सप्ताह में भी मौसम बदला सा ही रहेगा। प्रदेशभर में बादलों का दौर रहेगा। गरज-चमक के साथ बारिश होगी।
उधर, मंगलवार जबलपुर में तेज बारिश हुई। ओले भी गिरे। दमोह और मंडला में भी बूंदाबांदी हुई है। छिंदवाड़ा में देर रात आंधी के साथ पानी गिरा। जिले के जुन्नारदेव, परासिया, न्यूटन, पारडसिंगा और पांढुरना में ओले भी गिरे। पांढुर्ना में तो आंवले के आकार के ओले गिरे।
मौसम वैज्ञानिकों ने 29 अप्रैल तक की वेदर रिपोर्ट जारी की है। इसमें बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में 26 से 29 अप्रैल तक कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है, जबकि बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, ग्वालियर, मुरैना और श्योपुरकलां में बादल छाए रहेंगे। 40 से 50Km प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है।