महाराष्ट्र के अमरावती जिले स्थित अपने पैतृक गांव दारापुर पहुंचे भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने स्पष्ट किया कि सेवानिवृत्ति के बाद वे किसी भी प्रकार का सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के पश्चात उनके पास समय की अधिक उपलब्धता होगी, जिसे वे दारापुर, अमरावती और नागपुर जैसे स्थानों पर बिताना चाहेंगे। ज्ञात हो कि सीजेआई गवई इस वर्ष नवंबर में अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे।
उनके गांव आगमन पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने अपने दिवंगत पिता और पूर्व राज्यपाल (केरल एवं बिहार) आर.एस. गवई की समाधि पर पुष्प अर्पित किए और पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में भी भाग लिया।
इस दौरान उन्होंने आर.एस. गवई के नाम पर बनाए जा रहे एक स्मृति द्वार की आधारशिला रखी। इसके साथ ही अमरावती जिले के दरियापुर कस्बे में एक नए न्यायालय भवन का उद्घाटन भी किया। अब शनिवार को वे अमरावती जिला एवं सत्र न्यायालय में स्वर्गीय टी.आर. गिल्डा की स्मृति में स्थापित की गई ई-लाइब्रेरी का भी उद्घाटन करेंगे।