महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए और अपने लोगों की समृद्धि और कल्याण सुनिश्चित करने का ठेका लिया है। शीर्ष पद संभालने के बाद से अपने विरोधियों पर उनके लगातार मजाक पर पलटवार करते हुए शिंदे ने यह बात कही। विधानसभा में बोलते हुए शिंदे ने जून में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ अपने विद्रोह का बचाव करते हुए कहा कि उनका कार्य न तो असंवैधानिक था और न ही अवैध। मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्य के सामने विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष द्वारा प्रायोजित बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके विरोधी अक्सर उन्हें कॉन्ट्रैक्ट मुख्यमंत्री कहते हैं।
शिंदे बोले- लोगों का कल्याण मेरा एकमात्र एजेंडा
शिंदे ने कहा कि लोगों का कल्याण ही उनका एकमात्र एजेंडा है। जब केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) के खिलाफ (पिछले साल) कुछ टिप्पणी की, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन मैंने राज्य के विकास, समृद्धि और लोगों के कल्याण के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट लिया है। विद्रोह के बाद से शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा लगातार विश्वासघाती कहे जाने के मद्देनजर शिंदे ने उनके खिलाफ आलोचना को वैचारिक दिवालियापन करार दिया। उन्होंने कहा कि सत्ता के लिए अप्राकृतिक गठबंधन बनाकर (शिवसेना संस्थापक) बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा और लोगों के जनादेश के साथ किसने विश्वासघात किया है? उन्होंने 2019 में कांग्रेस और राकांपा के साथ भगवा पार्टी के गठजोड़ का जिक्र करते हुए पूछा कि जिसके कारण एमवीए सरकार बनी।
शिंदे ने कहा कि उन्होंने शिवसेना के खिलाफ बगावत करके कुछ भी असंवैधानिक या अवैध नहीं किया है। सीएम ने कहा कि अभी तक जो गलत हुआ है, मैंने उसे ठीक किया है। मैं अपने काम के जरिए वैचारिक दिवालियापन का जवाब दूंगा। मराठी दोहों के साथ दिए गए अपने भाषण में शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही महाराष्ट्र के लिए एक 'विजन डॉक्यूमेंट' पेश करेगी। जब जयंत पाटिल (एनसीपी) ने उनसे पूछा कि ये दोहे किसने लिखे हैं, तो सीएम ने कहा कि मैंने लिखे हैं, क्योंकि मेरे पास प्रतिभा है। मुझे इसे दिखाने की अनुमति कभी नहीं दी गई।