महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार ने प्रसिद्ध ‘रघुजी तलवार’ 47.15 लाख रुपये में खरीदी है। सीएम फडणवीस ने ‘एक्स’ पर कहा कि यह ऐतिहासिक तलवार नागपुर के भोंसले राजवंश के संस्थापक राजे रघुजी भोंसले की है, जिन्होंने 1745 में बंगाल के नवाब के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि तलवार कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण सीधे तौर पर नहीं बल्कि एक मध्यस्थ के माध्यम से हासिल की गई है।

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यूरोपीय शैली की एकधारी तलवार
मंगलवार को नीलामी आयोजित करने वाली सोथबी ने अपने पोर्टल पर बताया कि ‘बास्केट-हिल्ट’ तलवार (खंडा) 38,100 पाउंड में बिकी। नीलामी से पहले अनुमान 6,000 से 8,000 पाउंड के बीच था। इसने कहा कि यह एक हल्की घुमावदार, यूरोपीय शैली की एकधारी (एक तरफ धार वाली) तलवार है और एक हिस्से पर देवनागरी लिपि में सोने से लिखावट की गई है और तलवार एक पारंपरिक ‘बास्केट’ शैली की म्यान में लगी है।

तलवार की खासियत क्या है?

  • यह एक टेढ़ी, यूरोपीय शैली की एकधारी तलवार है।
  • इसमें दो खांचे हैं और तलवार के मूठ पर देवनागरी लिपि में सोने की सजावट की गई है।  
  • इसका हिल्ट (हाथ पकड़ने वाला हिस्सा) पारंपरिक 'बास्केट स्टाइल' में है, जिस पर सोने का महीन काम किया गया है।
  • तलवार का हैंडल हरे रंग के बुने हुए ऊन से ढंका हुआ है।

सोथबी के पोर्टल के मुताबिक, तलवार के एक हिस्से पर देवनागरी लिपि में अंकित अभिलेख से पता चलता है कि इसे मराठा सेनापति रघुजी भोंसले (1739-55) के लिए बनवाया गया था, जिन्होंने दक्कन के उत्तर में नागपुर शहर पर केन्द्रित एक बड़े राज्य की स्थापना की थी। इतिहासकारों के अनुसार, मुगल सम्राट जहांगीर के खजाने में 2200 जर्मन ब्लेड वाली तलवारें थीं। उस दौर में जर्मनी के सोलिंगेन और इटली के वेनिस व जेनोआ शहरों में बनी तलवारें भारत में काफी मशहूर थीं।