छत्रपति शिवाजी महाराज पर बनी फिल्म 'हर हर महादेव' (Har Har Mahadev) को लेकर सियासत गरमा गई है. महाराष्ट्र के पुणे और ठाणे में इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप में मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' के खिलाफ प्रदर्शन होने के बाद फिल्म का प्रदर्शन रोक दिया गया है. एनसीपी (NCP) के प्रमुख नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि इस फिल्म में गलत इतिहास दिखाया जा रहा है, इसलिए मूवी का विरोध कर रहे हैं.
एनसीपी कार्यकर्ताओं ने दर्शकों के साथ की मारपीट
महाराष्ट्र के ठाणे के एक मूवी थियेटर में हर हर महादेव फिल्म दिखाई जा रही थी, तभी एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड और उनके समर्थक वहां पहुंचे और उन्होंने इस फिल्म को रुकवा दिया. आरोप है कि एनसीपी कार्यकर्ताओं ने फिल्म के दर्शकों को भगा दिया और उनसे मारपीट भी की.
राज ठाकरे ने की फिल्म की तारीफ
इस फिल्म को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के वंशज संभाजी राजे छत्रपति (Sambhaji Raje) ने भी ऐतराज जताया है, जबकि एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने इस फिल्म की तारीफ की थी.
एमएनएस ने एनसीपी पर साधा निशाना
एमएनएस नेता अमय खोपकर ने ट्वीट कर एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड पर निशाना साधा है और आव्हाड का ज्ञान देखों. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'अफजल खान के स्वघोषित प्रवक्ता और मुंब्रा प्रांत के नवाब इनके इतिहास का ज्ञान देखो. और ये बताएंगे कि महाराज का इतिहास क्या सही है और क्या झूठ है.' वहीं, फिल्म को लेकर बीजेपी ने एनसीपी पर पलटवार किया है और कहा है कि एनसीपी कार्यकर्ताओं ने थिएटर में घुसकर दर्शकों के साथ मारपीट की.
संभाजी ब्रिगेड के नेता संतोष शिंदे ने कहा, 'संभाजी ब्रिगेड' के सदस्यों ने पुणे के एक सिनेमाघर में 'हर हर महादेव' की स्क्रीनिंग रोक दी और सिनेमाघर मालिक को चेतावनी दी. 'हर हर महादेव' में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है, जबकि जबकि 'वेदत मराठे वीर दौडले सात' में 'मावले' (छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिक) का भयावह चित्रण किया गया है.'