मनसे का बैंक आंदोलन उग्र, महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर बढ़े प्रदर्शन

मुंबई और महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस का बैंक आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है. 30 मार्च को राज ठाकरे ने गुढ़ी पाडवा के दिन शिवाजी पार्क में अपने कार्यक्रताओं से कहा था कि वो बैंकों में जाकर देखें कि मराठी भाषा में बैंकिंग का कामकाज हो रहा है या नहीं. इसके बाद मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र भर में मनसे कार्यकर्ताओं का उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया है. हाथ में फूल लेकर मनसे कार्यकर्ता पहले बैंक मैनेजर को फूल देते हैं और फिर चेतावनी देते हैं कि अगर बैंकिंग कामकाज मराठी में नहीं किया तो आगे पत्थर मिलेंगे.

वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मराठी भाषा के सम्मान के वे साथ हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई तो पुलिस सख्ती से निबटेगी, जबकि कोंग्रेस ने इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया है.

बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में बैंकों के खिलाफ एक अनोखा आंदोलन शुरू किया है. एमएनएस कार्यकर्ता विभिन्न बैंकों में जाकर बैंक अधिकारियों से बैंकिंग कामकाज में मराठी को अनिवार्य बैंकिंग भाषा बनाने की मांग कर रहे हैं.

बैंकों में मराठी में काम करने की MNS की मांग

एमएनएस कार्यकर्ताओं का कहना है कि महाराष्ट्र में संचालित सभी बैंकों को मराठी भाषा में भी सेवाएं देनी चाहिए. उनका आरोप है कि कई बैंक अब भी मराठी भाषा को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं, जिससे आम मराठी भाषी ग्राहकों को कठिनाई होती है. वहीं, वर्सोवा के एक मार्ट में मराठी न बोलने को लेकर मनसे कार्यकर्ताओ ने कर्मचारी की जमकर पिटाई की और मराठी में माफी मंगवाई.

अंधेरी के पवई इलाके में एलएनटी कंपनी के एक सिक्युरिटी गार्ड को भी मराठी न बोलने को लेकर मनसे कार्यकर्ताओं ने पीट दिया. थप्पड़ पर थप्पड़ जड़े और मराठी भाषा में माफी मंगवाई.

इसी तरह से पुणे के लोनावाला से भी बैंक मैनेजर को थप्पड़ जड़े. बैंक में मराठी बोलने की जिद को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्त्याओने बँक कर्मचारी की पिटाई कर दी.

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आंदोलन पर कही ये बात

वहीं, इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा है कि मराठी भाषा का निवेदन देना गलत नहीं है लेकिन कानून हाथ में लिया तो पुलिस अपना काम करेगी, जबकि एकनाथ शिंद की पार्टी के नेता संजय निरुपम ने मनसे के इस कृत्य की आलोचना की है.

उन्होंने कहा कि मनसे वालों यह मराठी भाषा के नाम पर जो बेहूदा अभियान चल रहा है. मैं इसका हमेशा से विरोध किया हूं. महाराष्ट्र में निश्चित तौर पर यहां की स्थानीय भाषा मराठी है. सब को बोलनी चाहिए, लेकिन किसी गरीब को नहीं आती तो मारना पीटना ठीक नहीं है. ज्यादा फिक्र है तो मनसे वाले मराठी सीखने के लिए अलग सेंटर खोलें ताकि लोग जाकर सीख सकें. मनसे की मारने पीटने वाली हरकत गलत है वैसे भी यह खत्म हो चुके हैं.

जबकि कोंग्रेस ने राज ठाकरे के इस मुद्दे पर समर्थन किया है. कांग्रेस नेता विजय वड्डेटीवार ने कहा कि मनसे का आंदोलन मराठी भाषा के लिए अच्छा है, क्योंकि मराठी अस्मिता को बचाए रखना जरूरी है. मराठी के लिए संघर्ष करना चाहिए।

अब तक किन इलाकों में हुए प्रदर्शन?

यह आंदोलन केवल मुंबई तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के कई बड़े शहरों और जिलों में इसका प्रभाव देखा गया है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं. मुंबई: घाटकोपर, अंधेरी, परेल, ठाणे, पुणे, नाशिक, अम्बरनाथ, लोनावाला, कल्याण, भिवंडी, पालघर, नवी मुंबई, संभाजीनगर में प्रदर्शन हुए.

बैंकों के अधिकारियों का कहना है कि वे ग्राहकों की सुविधा के लिए सभी संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बैंकिंग प्रणाली में भाषा को लेकर कुछ तकनीकी और नीतिगत चुनौतियां भी हैं.

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