पुणे ज़िले की दौंड तहसील के यवत गांव में एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद हालात बिगड़ गए। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस सामग्री के विरोध में भीड़ सड़कों पर उतर आई और सार्वजनिक व निजी संपत्तियों पर हमला बोल दिया। हिंसा और आगजनी की इस घटना को काबू में करने के लिए पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी।
अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 500 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, जिस युवक ने व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक स्टेटस डाला था, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वह नांदेड़ जिले का निवासी और दिहाड़ी मजदूरी करता है।
आगजनी में बेकरी और धार्मिक स्थल को भी नुकसान
घटना के दौरान गाड़ियों को आग के हवाले किया गया और एक बेकरी समेत एक धार्मिक संरचना को भी नुकसान पहुंचाया गया। सड़कों पर भारी भीड़ के चलते पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। यवत थाने के वरिष्ठ निरीक्षक नारायण देशमुख ने बताया कि 15 लोगों को हिरासत में लेकर 6 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
पुलिस के अनुसार, अब तक पांच मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें चार मामलों में 500 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 100 से अधिक की पहचान की जा चुकी है। हिंसा में एक मोटरसाइकिल, दो कारें और कई अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।
साजिश के संकेत नहीं, सुरक्षा बल तैनात
पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने कहा कि शुरुआती जांच में किसी पूर्व नियोजित साजिश के संकेत नहीं मिले हैं। गांव में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) सहित बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। क्षेत्र में BNSS की धारा 163 और BNS की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
उपमुख्यमंत्री ने किया दौरा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शुक्रवार को यवत गांव का दौरा किया और हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर आई एक आपत्तिजनक पोस्ट के बाद लोग भड़क गए और हिंसक प्रतिक्रिया हुई। पवार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।