राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक रोहित पवार ने बुधवार को अपने 83 वर्षीय चाचा और पार्टी अध्यक्ष शरद पवार को बागी अजित पवार की "सेवानिवृत्ति" की याद दिलाने को खारिज कर दिया, और कहा कि अधिकांश विधायक उनके कारण चुने गए थे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की संख्यात्मक ताकत को कमतर आंकते हुए राकांपा प्रमुख के पोते रोहित ने कहा कि पार्टियां कार्यकर्ताओं और विचारधारा से चलती हैं और यह शरद पवार ही हैं जिन्होंने ''एक विचारधारा को 60 वर्षों तक बरकरार रखा।''
अजित को रोहित का जवाब
रोहित ने कहा कि जब हमने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और विधानसभा चुनाव लड़ा, तो पवार साहब 82 वर्ष के थे। हममें से अधिकांश लोग उनके कारण चुने गए थे। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि उम्र ज्यादा मायने रखती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि चुनाव जीतने के लिए सिर्फ मौजूदा विधायकों की जरूरत है, इसके लिए उम्मीदवारों की जरूरत है...इस घटना से कई लोगों को ताकत मिल सकती है। आइए देखते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टियाँ नेताओं से नहीं कार्यकर्ताओं से, विचारधारा से चलती हैं। पवार साहब ने 60 साल तक एक विचारधारा को बरकरार रखा। कार्यकर्ता उसी विचारधारा के साथ काम कर रहे हैं। अगर आप अपनी विचारधारा बदलते रहेंगे तो लोगों का आप पर से विश्वास उठ जाएगा।
अजित का तंज
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि आपने मुझे सबके सामने खलनायक के रूप में दिखाया। मेरे मन में अभी भी उनके (शरद पवार) लिए सम्मान है। आप मुझे बताएं, IAS अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। शरद पवार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में भी भाजपा नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं... इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है... आप (शरद पवार) हमें अपना आशीर्वाद दें... लेकिन आप 83 वर्ष के हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं?.. हमें अपना आशीर्वाद दें और हम प्रार्थना करेंगे कि आपकी उम्र लंबी हो।