महाराष्ट्र में दंगों की प्रयोगशाला खोलने की कोशिश, शिवसेना-यूबीटी ने किया भाजपा पर वार

महाराष्ट्र में बीते दिनों कई धार्मिक दंगे हुए हैं। इसको लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र सामना में एक लेख के जरिए मुख्यमंत्री शिंदे और गृहमंत्री फडणवीस की सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का दंगे भड़का कर राजनीतिक रोटियां सेंकने का धंधा पीढ़ियों से चला आ रहा है और चुनाव नजदीक आते ही इस धंधे के निवेश में बढ़ोतरी की जाती है। 

राज्य के लोगों हों सतर्क
शिवसेना (उद्धव गुट) ने कहा कि राज्य के लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि वे उन लोगों से घिरे हुए हैं, जो संविधान, राष्ट्रीय एकता और धार्मिक भावना को दरकिनार कर सत्ता पाने की लालसा रखते हैं। सामना में कहा कि राज्य की जनता को महाराष्ट्र के हित के लिए सावधान रहना होगा। महाराष्ट्र में दंगों की प्रयोगशाला खोलकर भाजपा और उसके समर्थक सामाजिक समरसता को बिगाड़कर मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। 

कई बार हो चुके हैं दंगे
महाराष्ट्र में पिछले शनिवार और रविवार को क्रमश: अकोला शहर और अहमदनगर जिले के शेवगांव गांव में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गए थे। वहीं, अन्य घटना में एक अलग धर्म के सदस्यों ने कथित तौर पर नासिक जिले के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की, जिसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।

सामाजिक तनाव का गवाह बन रहा राज्य
संपादकीय में दावा किया गया है कि जब से एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की गठबंधन सरकार सत्ता में आई है, तब से राज्य लगातार धार्मिक और सामाजिक तनाव का गवाह बन रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ मुद्दों को आपसी समझ से सुलझाया जा सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि वे समाज को विभाजित करके चुनाव लड़ना चाहते हैं, जैसे उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को तोड़ दिया था।

सामना में वार
सामना में कहा गया है कि अकोला, शेवगांव और नासिक में हुई हालिया घटनाएं चिंता का सबब हैं। महाराष्ट्र में राजनीतिक कारणों से जानबूझकर सामाजिक तनाव पैदा किया जा रहा है और ऐसा व्यवस्थित एवं योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है।

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