शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को पार्टी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ अहम बैठक की. मातोश्री में हुई इस बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति, एकनाथ शिंदे गुट द्वारा नेताओं को तोड़ने की कोशिशों और आगामी नगर निगम चुनावों की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई. कुल तीन चरणों में लगातार 5 घंटे की मैराथन बैठक में सरकार को घेरने जैसे मुद्दों पर भी रणनीति बनाई गई.

इस बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक भास्कर जाधव, आदित्य ठाकरे और सुनील प्रभु का नाम सभी विधायकों ने लिया है. उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि जिस भी नेता को इस पद पर नियुक्त किया जाएगा, वह महाविकास अघाड़ी के समर्थन से सरकार की नीतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाएगा. बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे ने महाकुंभ में शामिल न होने के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी.

‘अगर हमें तोड़ने की कोशिश की तो सिर फोड़ देंगे’

उद्धव ठाकरे ने बैठक के दौरान विधायकों को महंगाई, किसानों की समस्या, बेरोजगारी और मराठा आरक्षण जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्हें एकनाथ शिंदे गुट द्वारा नेताओं को तोड़ने की कोशिश- ऑपरेशन टाइगर का हल निकालने का भी निर्देश दिया. पिछले कुछ महीनों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने यूबीटी शिवसेना के कई नेताओं को अपने पाले में शामिल किया है. इसमें सिंधुदुर्ग जिला प्रमुख संजय पडटे और पूर्व विधायक राजन साल्वी शामिल हैं.

इसके अलावा निर्दलीय विधायक शरद सोनावणे ने भी शिंदे गुट में शामिल होने का ऐलान किया है. इन घटनाओं को देखते हुए उद्धव ठाकरे ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को वफादार कार्यकर्ताओं से संवाद बढ़ाने और संगठन को मजबूत करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, ‘अगर वे हमें तोड़ने की कोशिश करेंगे तो हम उनका सिर फोड़ देंगे.’ उद्धव ठाकरे की विधायकों की बैठक का तीसरा अहम मुद्दा आगामी महानगरपालिका और नगर निगम चुनावों की रणनीति थी.

BMC चुनावों के लिए पार्टी ने बनाई ये रणनीतियां

  • महाविकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन को मजबूत करना: कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ समन्वय बढ़ाया जाएगा ताकि संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा जा सके.
  • संगठनात्मक ढांचे का पुनर्गठन: बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाएगा, और नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी.
  • जनता से सीधा संवाद: उद्धव ठाकरे स्वयं विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जनसभाओं के माध्यम से जनता से सीधे संवाद करेंगे.
  • सोशल मीडिया अभियान: पार्टी की विचारधारा और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग किया जाएगा.
  • सरकार की नाकामियों को उजागर करना: जनता को बताया जाएगा कि वर्तमान सरकार विकास कार्यों में विफल रही है और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है.

महाकुंभ में शामिल नहीं होने पर क्या बोले?

शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे ने इस दौरान महाकुंभ में शामिल नहीं होने के आरोपों पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘हम गंगा का सम्मान करते हैं, लेकिन गंगा में डुबकी लगाने से देशद्रोही होने का ठप्पा नहीं धुलेगा.’ यह बयान एकनाथ शिंदे के उस आरोप के जवाब में था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे खुद को हिंदू कहलाने से डरते हैं. वहीं, बैठक में सभी ने पार्टी को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया.