कठुआ में बादल फटा, पंजाब सीमा के आठ गांव जलमग्न, फसलों और घरों को नुकसान

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने से पठानकोट बॉर्डर के करीब आठ गांवों में पानी भर गया। इस आपदा में किसानों की फसलें डूब गईं और कई घरों को भी नुकसान पहुंचा। कैबिनेट मंत्री लाल चंद ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।

इस बीच, पंजाब में मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। चेतावनी के अनुसार, पठानकोट, होशियारपुर, गुरदासपुर, अमृतसर, मोहाली और रूपनगर में तेज हवाओं और आंधी-तूफान के साथ भारी वर्षा की संभावना है। वहीं तरनतारन, कपूरथला, जालंधर, नवांशहर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

भाखड़ा और पौंग डैम का जलस्तर बढ़ा
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के चलते भाखड़ा और पौंग बांध का जलस्तर लगातार ऊपर जा रहा है। गोबिंद सागर झील में 89,361 क्यूसेक पानी की आमद दर्ज की गई, जिससे भाखड़ा बांध का स्तर 1658.79 फीट तक पहुंच गया। जलस्तर नियंत्रित करने के लिए बांध से हाइडल नहरों में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे निचले इलाकों और खेतों में जलभराव का खतरा बढ़ गया है।

लगातार दसवें दिन पौंग डैम का जलस्तर 1378.84 फीट दर्ज किया गया। इसके चलते शाह नहर बैराज हेड वर्क्स में 57,048 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में भय का माहौल है।

प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से ब्यास नदी के किनारे न जाने और सरकारी चेतावनियों का पालन करने की अपील की है। साथ ही किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय अधिकारियों से तुरंत संपर्क करने के निर्देश दिए हैं।

हरिके पत्तन पर बाढ़ का खतरा
हरिके पत्तन हेड वर्क्स के पास बाढ़ की आशंका बढ़ रही है। अधिकारियों के अनुसार, यदि अपस्ट्रीम में पानी का स्तर 1.50 लाख क्यूसेक तक पहुंचा तो हालात बिगड़ सकते हैं। इससे पट्टी और खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्रों के दर्जनों गांव प्रभावित हो सकते हैं। कई किसानों की फसलें पहले ही डूब चुकी हैं और ग्रामीण संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।

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