ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धविराम

भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर था। भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय सेना ने पूरी तरह से हमलों को नाकाम कर दिया। संघर्ष के चार दिन बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील की, जिसे भारत ने अपनी शर्तों पर मान लिया।

बीएसएफ जवान पीके साहू अब भी पाकिस्तानी हिरासत में

तनाव के बीच, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पीके साहू की रिहाई को लेकर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है। 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर बॉर्डर पर गलती से सीमा पार करने पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने साहू को हिरासत में ले लिया था। करीब 20 दिनों से साहू पाकिस्तान की हिरासत में हैं।

रिहाई की उम्मीद

ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्धविराम के चलते उम्मीद है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली आगामी बैठक में जवान की रिहाई का रास्ता साफ हो सकता है। बीएसएफ अधिकारियों ने पहले भी पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग की, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

परिवार की चिंता

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा के रहने वाले जवान पीके साहू के परिवार में चिंता का माहौल है। साहू की पत्नी रजनी साहू अपने पति की रिहाई के लिए चंडीगढ़ पहुंची थीं। उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन स्पष्ट जवाब न मिलने से उनकी चिंता और बढ़ गई। रजनी ने कहा कि वह बेहद तनाव में हैं और हर संभव प्रयास कर रही हैं।

माता-पिता ने केंद्र सरकार से की अपील

जवान के माता-पिता भी लगातार बेटे की सुरक्षित वापसी की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि साहू को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए जाएं।

घटना कैसे हुई

बताया जा रहा है कि घटना के समय पीके साहू वर्दी में थे और उनके पास सर्विस राइफल भी थी। सीमा के पास किसानों के एक समूह के साथ थे, जब पेड़ के नीचे आराम करते वक्त अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में चले गए, जहां उन्हें पकड़ लिया गया।