पीआरटीसी की रविवार को चंडीगढ़ से मनाली के लिए बस पानी में बह गई है। बस के ड्राइवर का शव बरामद हो गया है वहीं कंडक्टर की तलाश जारी है। पनबस यूनियन के अध्यक्ष चानन सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
इससे पहले पीआरटीसी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से बस के लापता होने की सूचना शेयर की थी। पीआरटीसी ने लोगों से अपील की थी कि अगर किसी को बस के बारे में जानकारी मिलती है तो उनके द्वारा दिए गए नंबरों पर शेयर करें। वहीं इस बस में कितने यात्री थे, इस बारे में भी अभी कोई सूचना नहीं मिल पाई है।
नौ जुलाई को रवाना हुई थी बस
नौ जुलाई रविवार के दिन दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर बस नम्बर PB65BB4893 चंडीगढ़ 43 सेक्टर से मनाली के लिए निकली थी लेकिन 4 दिन बीत जाने के बावजूद बस जब डिपो वापस नहीं पहुंची तो बस की तलाश शुरू हुई। बस के स्टाफ से संपर्क साधना चाहा तो उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। पीआरटीसी ने अपील की थी कि अगर किसी व्यक्ति को बस की जानकारी हो तो कृपया 9914612665, 887215627 पर जानकारी दे। अब बस के ड्राइवर का शव बरामद हो गया है।
सोशल मीडिया पर नदी में बह रही बस का वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर नदी में बह रही बस का वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह पंजाब रोडवेज की बस है।
फिरोजपुर में सड़क धंसी, कई गांवों का संपर्क कटा
वहीं फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर से सटे गांव झुग्गे हजारा सिंह वाला के पास पुल से सटी सड़क धंस गई जिससे बाहर के गांवों का संपर्क फिरोजपुर शहर से कट गया है। हरिके हेड से पानी छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान सीमा से सटे जिले फिरोजपुर और फाजिल्का के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और फसलें पूरी तरह डूब गई हैं। हालांकि, लोगों को एक दिन पहले ही राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया था। फिर बड़ी संख्या में लोग फंस गए हैं।
पौंग बांध से बुधवार को 20,000 क्यूसिक पानी ब्यास में छोड़ा गया है। वहीं, भाखड़ा बांध से भी 19,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गुरुवार को 16000 क्यूसेक और छोड़ा जाएगा। इससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
14 जिलों के 1058 गांव बाढ़ की चपेट में
पंजाब के 14 जिलों के 1058 गांव इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं। बारिश के कारण मरने वालों का आंकड़ा 11 पहुंच गया, जबकि पांच लापता हैं। राज्य में 13574 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। कुल 127 राहत कैंप लगाए गए हैं। पठानकोट में रणजीत सागर बांध से भी पानी छोड़ा गया है। आसपास के गांवों के लोगों को राहत कैंपों में भेज दिया गया है। कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी उतरने से लोगों को राहत भी मिली है।