संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के आह्वान पर गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर ने शहीद करतार सिंह के पुश्तैनी गांव सराभा में विशाल किसान पंचायत का आयोजन किया। इस किसान महापंचायत में पंजाब से हजारों किसानों ने भाग लिया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं-बुजुर्ग और युवाओं ने हिस्सा लिया।
किसान नेताओं ने बताया कि देश में ऐसी 20 किसान महापंचायतें की जाएंगी। केंद्र सरकार ने अगर फरवरी 2024 में फसलों के आयात शुल्क को खत्म किया तो किसान दिल्ली सीमा पर दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे। कई राज्यों से कई किसान संगठनों के राष्ट्रीय नेताओं ने किसानों की इस विशाल सभा में शिरकत की।
कार्यक्रम की शुरुआत में शहीद करतार सिंह सराभा की जन्मस्थली पर माथा टेकने के बाद किसान नेताओं ने शहीद सराभा और किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि भेंट की। महान शहीद सराभा अमर रहे के नारों से आसमां गूंज उठा। विशाल सभा में विभिन्न किसान नेताओं ने देश और प्रदेश स्तर पर किसानों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया और किसान विरोधी नीतियों को उजागर किया।किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि भारत सरकार डब्ल्यूटीओ के दबाव में है और सूखे मेवों सहित गेहूं आदि पर आयात शुल्क को कम और समाप्त कर विदेशी कृषि उत्पादों को भारत में आयात करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ कॉरपोरेट जगत को लाभ पहुंचा रही है। इससे भारत में कृषि वस्तुओं की कीमतों में भारी गिरावट आएगी और पहले से ही आत्महत्या के रास्ते पर चल रहे किसानों की हालत और खराब होगी।
भारत माला सड़क परियोजना के तहत किसानों की जमीनें जबरन कौड़ियों के भाव छीनकर कॉरपोरेट घरानों को दी जा रहीं हैं, जबकि पंजाब में ऐसे किसी अन्य हाईवे की जरूरत ही नहीं है। कई किसानों ने मुआवजे का पैसा भी नहीं लिया है। किसान नेताओं ने पंजाब सरकार पर पराली प्रबंधन के लिए कोई आर्थिक मदद न देने का आरोप लगाया और कहा कि प्रदूषण कंट्रोल के नाम पर केंद्र से मुआवजे के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है और किसानों से करोड़ों रुपये जुर्माने के रूप में वसूले जा रहे हैं।
ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें
कर्नाटक के जाने-माने किसान नेता कुर्बुर शांता कुमार और बिहार के अरुण सिन्हा ने किसानों की पूर्ण कर्ज माफी, एमएसपी गारंटी, बिजली संशोधन बिल न लागू करने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, कुदरती आफत से बर्बाद फसलों और गन्ना काश्तकारों को पूरा मुआवजा देने, किसान आंदोलन में शहीद किसान परिवारों की मदद और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत लखीमपुर खीरी में किसानों और पत्रकार की हत्या मामले के आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने की मांग की।
किसान महापंचायत को नेता काका सिंह कोटड़ा, जसवीर सिंह सिद्धूपुर, मेहर सिंह थेड़ी, मान सिंह राजपुरा, अभिमन्यु कोहाड़, रवि दत्त (मध्य प्रदेश), जरनैल सिंह, लखविंदर सिंह (हरियाणा), बलदेव सिंह सिरसा, सुखजिंदर सिंह, गुरदास सिंह ने भी संबोधित किया।