पंजाब में नशे के खिलाफ जंग तेज करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को नवांशहर के लंगड़ोआ गांव से नशा मुक्ति यात्रा की शुरुआत की। यह अभियान पंजाब सरकार की ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हर गांव में जाकर लोगों को नशे के खतरे के प्रति जागरूक करना है।
अरविंद केजरीवाल ने मौजूद लोगों को नशे के खिलाफ लड़ाई में खुद को योद्धा मानते हुए शपथ दिलाई कि वे पंजाब से नशा पूरी तरह खत्म करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें अपनी जान क्यों न गंवानी पड़े। उन्होंने बताया कि अब तक आप सरकार ने कई नशा केंद्रों को नशामुक्त क्षेत्रों में बदल दिया है और पंजाब ‘उड़ता पंजाब’ से ‘बदलता पंजाब’ की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
केजरीवाल ने कहा कि पहले वे सोच रहे थे कि लोग कहेंगे कि नशा कम हुआ है, लेकिन जब उन्हें पता चला कि कई गांव पूरी तरह नशा मुक्त हो चुके हैं, तो वह खुश हुए। उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर 99 प्रतिशत नशा खत्म हो चुका है और अब बचा हुआ “बीज” भी जड़ से उखाड़ फेंकना है।
उन्होंने पिछली सरकारों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे खुद नशा तस्कर थे, जिन्होंने पंजाब को बदनाम किया। उन्होंने कहा कि 2022 में आप की ईमानदार सरकार बनने के बाद नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हुई और अब बड़े तस्कर जेलों में हैं। पिछले ढाई महीनों में 10 हजार से अधिक तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश बड़े तस्कर हैं। उन्होंने तरनतारन में हाल ही में 85 किलो हेरोइन जब्त किए जाने का भी जिक्र किया।
केजरीवाल ने कहा कि आज नशा तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, जो पहले किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने जनता से अपील की कि नशा खत्म करने के लिए सभी को सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि नशा पंजाब की छवि को धूमिल कर रहा था, लेकिन अब सप्लाई लाइन तोड़ दी गई है और बड़े अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला गया है। नशा पीड़ितों का पुनर्वास भी सुनिश्चित किया जा रहा है, साथ ही तस्करों की संपत्ति जब्त कर नष्ट की जा रही है। उन्होंने नशे के खिलाफ इस लड़ाई को जन आंदोलन में बदलने के लिए जनता से समर्थन मांगा।
मान ने बताया कि महिलाओं की बड़ी संख्या इस मुहिम में शामिल हो रही है, जो नशे को खत्म करने में एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण जरूरी है, और राज्य सरकार शिक्षा के माध्यम से इसे बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में 10,000 छात्राओं को आवाजाही की सुविधा दी गई है और महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक युवाओं को 54 हजार से अधिक नौकरियां दी जा चुकी हैं, जो पूरी तरह योग्यता के आधार पर हैं। इसके अलावा, सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ की स्थापना की गई है।
पानी की चोरी पर भी उन्होंने कड़ा रुख दिखाते हुए कहा कि पंजाब के पानी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और दूसरे राज्यों को पानी देने के लिए कोई अतिरिक्त उपलब्धता नहीं है।
इस प्रकार, पंजाब सरकार नशे के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रही है और राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसके साथ ही, सरकार विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर भी विशेष ध्यान दे रही है ताकि पंजाब में खुशहाली बनी रहे।