पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को आम आदमी क्लीनिकों से जुड़ी सेवाओं को और सुलभ बनाने के लिए एक व्हाट्सएप चैटबोट का शुभारंभ किया। इस सुविधा के माध्यम से अब लोगों को मोबाइल पर ही दवाओं की उपलब्धता, जांच रिपोर्टों की जानकारी और स्वास्थ्य से जुड़ी जागरूकता संदेश प्राप्त होंगे। त्योहारों के दौरान शुगर के मरीजों को मिठाई से परहेज के लिए मैसेज भेजे जाएंगे, ताकि वे स्वास्थ्य संबंधी सतर्कता बरत सकें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सितंबर से प्रदेश में 200 नए आम आदमी क्लीनिक शुरू किए जाएंगे, जिससे इनकी कुल संख्या 1081 हो जाएगी। साथ ही, अब सभी क्लीनिकों में एंटी रेबीज वैक्सीन भी उपलब्ध रहेगी, जिससे हर साल लगभग आठ लाख लोग लाभान्वित होंगे।
सड़क हादसों में 48% की कमी, अन्य राज्यों ने मांगी ट्रेनिंग
मान ने कहा कि केवल चालान काटना ही उद्देश्य नहीं है, बल्कि सड़क दुर्घटनाएं रोकना प्राथमिकता है। इसके लिए सड़क सुरक्षा बल को जरूरी संसाधन जैसे फर्स्ट एड किट और अन्य उपकरण मुहैया कराए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस पहल से राज्य में सड़क हादसों में 48% तक की कमी आई है। संसद में भी इसका उल्लेख हुआ है। तीन अन्य राज्यों ने पंजाब से अपनी पुलिस को ट्रेनिंग देने का आग्रह किया है, जिसे उन्होंने मंजूरी दी है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार प्राथमिकता
सीएम मान ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा की, जिसके चलते गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग इलाज कराने से डरते थे। उन्होंने बताया कि मालवा क्षेत्र में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेष कैंसर स्क्रीनिंग बसें चलाई गईं। मुफ्त स्वास्थ्य जांच और इलाज की सुविधा देकर सरकार ने लोगों का भरोसा बहाल किया है।
अब चैटबोट के जरिये मरीजों को समय पर दवा लेने और जांच कराने की याद दिलाने के लिए रिमाइंडर भी भेजे जाएंगे। मान ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह लोगों की सेहत की चिंता करे और उन्हें बेहतर सुविधाएं दे।
बॉर्डर क्षेत्र में दूषित जल से गंभीर स्थिति, डब्ल्यूएचओ से मांगी मदद
सीएम ने राज्य के बॉर्डर बेल्ट की चिंता जताते हुए बताया कि वहां का पानी बेहद प्रदूषित है, जिसमें भारी धातुएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पांच साल के बच्चों के बाल सफेद हो रहे हैं और कई घरों में विकलांगता की स्थिति बन गई है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों से इलाके का निरीक्षण करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सरकारी अस्पतालों में दवा की उपलब्धता बेहतर हुई है और लोगों का भरोसा बढ़ा है। बाहर से दवा खरीदने की जरूरत नहीं रह गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य बजट में वृद्धि उनकी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है।