निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को फिर मिली जमानत

2 करोड़ की रिश्वत मामले में निलंबित एसओजी ASP दिव्या मित्तल को सोमवार को जमानत मिल गई। एसओजी ने एनडीपीएस के मामले में जांच सही से नहीं करने के चलते मित्तल को गिरफ्तार किया था।एनडीपीएस कोर्ट के जज खुशहाल सिंह ने दिव्या को रिहा करने का आदेश देते हुए टिप्पणी की। कहा- एसओजी ने कोई लिखित शिकायत और राज्य सरकार से पूर्व अनुमति पेश नहीं की। ऐसे में जमानत पर रिहा किया जाता है।

मित्तल के एडवोकेट भगवान सिंह चौहान ने बताया- एनडीपीएस के मामले में निलंबित ASP की गिरफ्तारी में जांच अधिकारी ASP कमल तंवर की ओर से एनडीपीएस एक्ट 59(3)की पालना नहीं की गई। यह तर्क दिव्या मित्तल के वकील की ओर से कोर्ट में पेश किया गया।

एडवोकेट चौहान ने बताया- मित्तल को गिरफ्तार करने के बाद 4 अप्रैल को एनडीपीएस कोर्ट में पेश किया गया था। पहले दिन जज की ओर से जांच अधिकारी तंवर को मौखिक फटकार लगाई गई थी।

जज ने कहा था कि सारे अपराध जमानती हैं। 59(3) की पालना अभी तक नहीं की गई है, न तो लिखित परिवाद पेश हुआ है। न ही स्टेट गवर्नमेंट की पूर्व अनुमति ली गई। सोमवार को हुई सुनवाई में भी जज ने टिप्पणी करते हुए कहा- आज तक कोई लिखित शिकायत (परिवाद) एसओजी की ओर से नहीं पेश नहीं की गई। न ही राज्य सरकार से पूर्व अनुमति पेश की गई है।

एडवोकेट भगवान सिंह चौहान ने बताया- 59(1) जमानती अपराध है। 59(2) में दिव्या मित्तल से कुछ बरामदगी नहीं हुई है। इसलिए यह धारा लागू नहीं होती है। 59(3) में आरोपी (दिव्या) के खिलाफ प्राइवेट लिखित शिकायत देनी होती है। जो कोर्ट में पेश नहीं की गई।

जांच अधिकारी ASP कमल तंवर ने कहा कि जज की ओर से जो भी आदेश दिए गए हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। मैं इसमें कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। एसओजी की ओर से नियमों के अनुसार ही दिव्या मित्तल को रामगंज के मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था। मामले में सरकार को लेटर भी जारी किया हुआ है, वह अभी प्रोसेस में है। अनुमति मिलते ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

2 करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में जयपुर ACB टीम ने अजमेर में 16 जनवरी को SOG की ASP दिव्या मित्तल को पकड़ा था। मित्तल को एसीबी की टीम अजमेर से जयपुर लाई थी। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।

दिव्या ने तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक काे गिरफ्तार नहीं करने की एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस मांगी थी। इसके बाद दिव्या को जेल हो गई थी। 31 मार्च को दिव्या को घूसखोरी के मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

दिव्या के जमानत पर बाहर आते ही एसओजी ने एनडीपीएस के मामले में जांच सही से नहीं करने के चलते गिरफ्तार कर लिया था।

जोधपुर एसओजी ASP कमल तंवर की ओर से रामगंज थाने में दर्ज एनडीपीएस के केस में मित्तल को गिरफ्तार किया था। दिव्या पर जांच में लापरवाही करने और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया था। एनडीपीएस के इस मामले में अजमेर के रामगंज थाने में 2 और अलवर गेट में एक मुकदमा दर्ज हुआ था।

ASP दिव्या मित्तल ने नशीली दवाओं की तस्करी को लेकर अजमेर के रामगंज थाने में दो और अलवर गेट थाने में एक मिलाकर कुल 3 FIR दर्ज की थी। तीनों ही मामलों में देहरादून स्थित दवा कंपनी हिमालय मेडिटेक के डायरेक्टर सुनील नंदवानी को आरोपी बनाया था। रामगंज थाने में दर्ज दोनों मामले क्लब कर इन्वेस्टिगेशन चल रही थी और अधिकतर आरोपी इन्हीं मामलों में पकड़े जा रहे थे।

ज्यादा मजबूत केस भी यही (रामगंज थाना) था। इसके बावजूद दिव्या ने नंदवानी को अलवर गेट थाने में दर्ज मामले में कमजोर धाराओं में अरेस्ट किया था। नंदवानी ने कोर्ट में जमानत अर्जी दी तो दिव्या ने कोर्ट से ये तथ्य भी छुपाया कि वो अन्य क्लब मामलों में भी आरोपी है। ऐसे में नंदवानी को हाईकोर्ट से 15 दिन बाद ही आसानी से जमानत मिल गई थी। इसी मामले में दिव्या मित्तल ने 1 करोड़ की घूस ली थी।

मामले में करीब एक महीने पहले दिव्या मित्तल के उदयपुर स्थित आलीशान रिसोर्ट पर प्रशासन ने बुलडोजर चला था। बुलडोजर से रिसोर्ट के निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया था।

बताया गया था कि दिव्या मित्तल ने यूआईटी से शहर से करीब 25 किमी दूर चिकलवास गांव में फार्म हाउस के लिए जमीन की मंजूरी ली थी, लेकिन यहां रिसोर्ट बनाकर कॉमर्शियल उपयोग किया जा रहा था। ऐसे में यूआईटी ने पहले तो नोटिस देकर जवाब मांगा, लेकिन जवाब नहीं मिला तो यूआईटी टीम कार्रवाई करने पहुंच गई थी।

लग्जरी लाइफ का शौक

दिव्या से जुड़े लोगों ने बताया था कि उसे हमेशा से लग्जरी लाइफ का शौक है। उदयपुर में एक रिसोर्ट नेचर हिल पैलेस के बारे में तो ज्यादातर लोगों को पता है, लेकिन इसके अलावा भी कई प्रॉपर्टी हैं, जो दिव्या ने अपने रिश्तेदारों के नाम से खरीदी है। दिव्या के नजदीकियों का कहना था कि वो हर साल प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करती थी।

दिव्या की पर्सनल लाइफ भी उतार-चढ़ाव भरी रही है। जून 2014 में दिव्या की मुलाकात सोशल मीडिया पर हिसार के CA प्रतीक से हुई। तीन महीने बाद दोनों उदयपुर में मिले। दिव्या के घरवाले शादी के लिए राजी थे। प्रतीक ने दिव्या से कहा कि गुड़गांव में उसकी मां की रजामंदी के बाद ही शादी करेंगे।

दिव्या और उसके पिता विनोद मित्तल दिल्ली गए थे। वे कई दिनों तक वहीं रुके, लेकिन प्रतीक की मां से मुलाकात नहीं हुई। इसके बाद प्रतीक और दिव्या ने गुपचुप मंदिर में शादी कर ली थी। तय किया कि कुछ दिनों के बाद प्रोग्राम में शादी कर लेंगे। इसके बाद दोनों पति-पत्नी के रूप में किराए के मकान में साथ रहने लगे थे। दोनों भरतपुर, उदयपुर, मथुरा में भी साथ रहे थे।

दिव्या के पिता विनोद मित्तल ने 2015 में हिसार पुलिस को दहेज प्रताड़ना की शिकायत दी थी। विवाद होने के बाद दोनों के बीच में तलाक हो चुका है।

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