सहपऊ क्षेत्र के बुढ़ाइच गांव में परिवारिक श्रद्धा और सेवा की मिसाल पेश करते हुए एक बुजुर्ग दंपती को बेटों, बहुओं और पोतों ने कांवड़ यात्रा कराई। 92 वर्षीय पोतीराम और उनकी 85 वर्षीय पत्नी अमान देवी को पहले बदायूं स्थित कछला घाट पर गंगा स्नान कराया गया, फिर उन्हें कांवड़ में बैठाकर 120 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद गांव स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर तक लाया गया, जहां गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया गया।

इस विशेष यात्रा का नेतृत्व पोतीराम के छोटे बेटे राजकुमार ने किया, जो अपने बेटे निशांत, पत्नी विमलेश और अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ 16 जुलाई को कछला घाट से रवाना हुए थे। यात्रा में पोतीराम के बड़े बेटे वीरेंद्र के बेटे योगेश कुमार व उनकी पत्नी यशवती देवी, जितेंद्र कुमार और उनकी पत्नी गीता देवी भी शामिल रहे। सभी ने बारी-बारी से कांवड़ को कंधे पर उठाया और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ प्रतिदिन करीब 20 किलोमीटर की यात्रा तय की।

अमान देवी ने इस अवसर को अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी बताते हुए कहा कि "यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि बेटे, बहुएं और पोते हमें कांवड़ में बैठाकर शिवधाम तक लाए। यह सपना अब पूरा हुआ।"

गौर करने वाली बात यह है कि यह परिवार बीते वर्ष भी इसी तरह बुजुर्ग दंपती को कांवड़ यात्रा करा चुका है। राजकुमार ने बताया कि पिछले साल भी उन्होंने अपने भतीजों के साथ मिलकर माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर यात्रा पूरी कराई थी।

सोमवार सुबह जब यात्रा सहपऊ पहुंची, तो परिवार ने मां भद्रकाली मंदिर में माथा टेककर आशीर्वाद लिया, फिर गांव के नीलकंठ महादेव मंदिर में गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया।