बरेली। 26 सितंबर को हुए दंगों के मामले में पुलिस ने डॉ. नफीस खां और उनके बेटे फरमान समेत आठ और आरोपियों को जेल भेज दिया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि इस बीच दो आरोपी मुठभेड़ में पकड़े गए हैं। ये दोनों शाहजहांपुर के रहने वाले हैं। बवाल के बाद से अब तक कुल 81 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस फुटेज और वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है और विशेष रूप से उन लोगों पर नजर है जिन्होंने भीड़ को उकसाने या जुटाने की कोशिश की।
जांच में यह भी सामने आया कि 26 सितंबर को नमाज का समय बदल दिया गया था। मौलाना तौकीर का वीडियो जारी होने के बाद संदेश फैलाया गया कि जुमे की नमाज एक बजे होगी, जबकि आमतौर पर यह साढ़े 12 बजे से पौने चार बजे के बीच होती है। पुलिस का कहना है कि इसे जानबूझकर किया गया ताकि अधिक से अधिक लोग इस्लामिया मैदान में जुटें। जेल भेजे गए आरोपियों में तीन अन्य प्रदेशों के भी हैं, जिनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
26 सितंबर को क्या हुआ था?
आई लव मोहम्मद के समर्थन में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के बुलावे पर भीड़ इकट्ठा हुई थी। मौलाना की अनुपस्थिति में भीड़ अराजक हो गई और दुकानों तथा वाहनों में तोड़फोड़ की गई। पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागे गए। इस दौरान 22 पुलिसकर्मी घायल हुए।
अलग-अलग थानों में दर्ज मुकदमे
बवाल के बाद शहर के 10 थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 125 नामजद और लगभग 3,000 अज्ञात आरोपी शामिल हैं। सात मुकदमों में मौलाना तौकीर रजा का नाम दर्ज है। डीआईजी रेंज अजय कुमार साहनी के निर्देश पर एसएसपी अनुराग आर्य ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी में एसपी सिटी मानुष पारीक के नेतृत्व में तीन सीओ और 14 इंस्पेक्टर शामिल हैं, जो जांच का नेतृत्व कर रहे हैं।