प्रदेश में राजस्व प्रणाली को आधुनिक और जनसुलभ बनाने के लिए राजस्व परिषद ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इसके तहत अब लेखपालों की उपस्थिति के लिए रोस्टर प्रणाली लागू की जाएगी और उनके कार्यदिवस निर्धारित किए जाएंगे। इस व्यवस्था का लाभ राज्य के 10 करोड़ से अधिक नागरिकों को मिलेगा।
राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि इस बदलाव से नागरिकों को प्रमाण पत्रों की संस्तुति, भू-अभिलेखों का अद्यतन, और वरासत जैसे जरूरी कार्य ग्राम स्तर पर ही समयबद्ध और त्रुटिरहित रूप से उपलब्ध हो सकेंगे। इससे ग्रामीणों को बार-बार तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
तहसील स्तर पर आधुनिक कार्यस्थल, डिजिटल सुविधा
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी लेखपालों को तहसील स्तर पर एक निर्धारित कार्यस्थल दिया जा रहा है, जहां उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी और आधुनिक डेस्कटॉप जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल कार्य की गति बढ़ेगी बल्कि पारदर्शिता और सटीकता भी सुनिश्चित होगी।
इसके साथ ही एकीकृत डिजिटल लॉगिन प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है, जिससे वरासत, प्रमाणपत्र संस्तुति, निरीक्षण रिपोर्ट और भू-अभिलेख जैसे सभी कार्य एक ही पोर्टल से किए जा सकेंगे।
ग्राम स्तर पर लेखपाल की उपस्थिति सुनिश्चित होगी
लेखपालों की उपस्थिति को ग्रामवासियों के लिए सुलभ बनाने हेतु तहसील और ग्रामसभा स्तर पर रोस्टर प्रणाली लागू की जा रही है। इससे नागरिकों को पहले से पता रहेगा कि उनके क्षेत्र का लेखपाल किस दिन उपस्थित रहेगा।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक लेखपाल को टैबलेट और मोबाइल इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है, जिससे वे ग्राम सचिवालय या पंचायत भवन से सीधे नागरिकों को सेवाएं उपलब्ध करा सकें। यह पहल प्रदेश की राजस्व प्रणाली को डिजिटल, पारदर्शी और अधिक सशक्त बनाएगी।