लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार शाम चार बजे लोक भवन में कैबिनेट की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न विभागों से जुड़े 36 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा होने की संभावना है। नगर विकास विभाग द्वारा नगर पंचायतों के गठन और सीमा विस्तार से संबंधित प्रस्तावों को स्वीकृति मिल सकती है।
चूंकि अगले वर्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं, ऐसे में राज्य सरकार चुनाव से पूर्व नई नगर पंचायतों के गठन और उनके क्षेत्रीय विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाना चाहती है। इसके पश्चात ग्राम पंचायतों के वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा।
युवाओं को टैबलेट देने का प्रस्ताव
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना के अंतर्गत अब युवाओं को स्मार्टफोन की बजाय टैबलेट दिए जाने की योजना बनाई गई है। यह प्रस्ताव भी कैबिनेट की बैठक में रखा जा सकता है। साथ ही, आगामी अगस्त के पहले सप्ताह में प्रस्तावित विधानमंडल के मानसून सत्र को लेकर भी स्वीकृति मिल सकती है। इस दौरान नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टें सदन में प्रस्तुत की जाएंगी।
विकास परियोजनाओं के लिए मुफ्त भूमि देने पर विचार
ग्राम्य विकास विभाग की जमीनों का उपयोग शहरी क्षेत्रों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, नालियों और अन्य विकास कार्यों के लिए निशुल्क किए जाने का प्रस्ताव भी बैठक में लाया जा सकता है। वहीं, एमएसएमई विभाग द्वारा औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया को सरल बनाने संबंधी प्रस्ताव भी रखा जा सकता है।
वाराणसी में सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव
लोक निर्माण विभाग (PWD) वाराणसी के दालमंडी मार्ग को चौड़ा करने का प्रस्ताव पेश कर सकता है। प्रस्ताव के अनुसार, 0.65 किलोमीटर लंबे इस मार्ग की चौड़ाई पांच मीटर से बढ़ाकर 10 मीटर की जाएगी।
राज्य को मिलेगा लोक अभिलेख अधिनियम
संस्कृति विभाग की ओर से लोक अभिलेख अधिनियम का मसौदा भी बैठक में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसके तहत ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के संरक्षण की व्यवस्था की जाएगी, जिससे शोध और इतिहास लेखन को बल मिलेगा। अभी तक उत्तर प्रदेश में इस संबंध में कोई विधिक प्रावधान नहीं है, जबकि अन्य कई राज्य पहले ही ऐसा कानून लागू कर चुके हैं।
महिलाओं को संपत्ति रजिस्ट्री में बड़ी राहत
महिलाओं को संपत्ति खरीद पर स्टांप ड्यूटी में राहत देने की तैयारी है। एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति की रजिस्ट्री पर अब महिलाओं को एक प्रतिशत कम स्टांप शुल्क देना होगा। फिलहाल यह छूट केवल 10 लाख रुपये तक की रजिस्ट्री पर मिलती है। स्टांप एवं निबंधन विभाग के इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। वहीं, पैतृक संपत्ति के बंटवारे के मामलों में स्टांप शुल्क अधिकतम पांच हजार रुपये तक सीमित रहेगा।