दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के लिए बुधवार को लखनऊ पहुंचे। मुलाकात के बाद दोनों नेता मीडियाकर्मियों से रूबरू होंगे।
अरविंद केजरीवाल प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार से संबंधित केंद्र सरकार के बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराने की कवायद में जुटे हैं। इसके लिए केजरीवाल गैर भाजपा दल के नेताओं से मिलकर उनसे समर्थन मांग रहे हैं।
इसी कड़ी में केजरीवाल बुधवार को लखनऊ आकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, यूपी के प्रभारी सांसद संजय सिंह, दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना सिंह और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा भी पहुंचे।
सपा अध्यक्ष सीएम केजरीवाल के साथ
समाजवादी पार्टी अध्यादेश के खिलाफ है। ऐसे में वह इस मुद्दे पर खुलकर आम आदमी पार्टी का साथ देगी। केजरीवाल से मुलाकात के बाद सपा अध्यक्ष इस मुद्दे पर साथ देने की अधिकृत घोषणा कर सकते हैं। अखिलेश इस मामले में पहले भी आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने ट्वीट करके अध्यादेश को न्यायपालिका का अपमान बताया था। इसलिए माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर सपा अध्यक्ष केजरीवाल के मुहिम में साथ दे सकते हैं।
राज्यसभा में बिल नामंजूर कराने का यह है गणित
दरअसल राज्यसभा में अभी गैर भाजपा दल के सदस्यों की संख्या अधिक है। राज्य सभा में भाजपा के 93 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दल के सदस्यों की संख्या 12 है। इस प्रकार सत्ताधारी दल की कुल संख्या 105 है। जबकि पूरे विपक्षी की सदस्यों की संख्या 133 है। इसलिए केजरीवाल की कोशिश है कि सभी विपक्षियों को एकत्र कर लिया जाए तो केन्द्र द्वारा लाए जाने वाले बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराया जा सकता है ।
अब तक केजरीवाल इन विपक्षी नेताओं से कर चुके हैं मुलाकात
केन्द्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए केजरीवाल बीते 23 मई से ही देश भर में घूमकर विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं । केजरीवाल ने अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर चुके हैं।