धर्मांतरण गिरोह पर शिकंजा: छांगुर का भतीजा सबरोज और सहयोगी गिरफ्तार

अवैध धर्मांतरण और देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त संदिग्ध जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। यूपी एटीएस ने शनिवार को छांगुर के भतीजे सबरोज उर्फ इमरान उर्फ बुद्धू और उसके सहयोगी शहाबुद्दीन, निवासी रेहरा माफी (थाना गैडास बुजुर्ग) को गिरफ्तार किया है। दोनों पर आजमगढ़ में धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियां संचालित करने का आरोप है। दोनों के खिलाफ पहले से ही प्राथमिकी दर्ज थी। एटीएस अब गिरोह से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है।

ईडी को विदेश फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मिले साक्ष्य

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में विदेशी फंडिंग के स्पष्ट संकेत मिले थे। ईडी द्वारा छांगुर और उसके करीबियों के 22 बैंक खातों की जांच में लगभग 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के प्रमाण सामने आए हैं। इस नेटवर्क में छांगुर के अलावा नवीन रोहरा और नीतू रोहरा की संलिप्तता पाई गई है।

ईडी ने छांगुर से जुड़े सुभाषनगर स्थित ‘आसवी बुटीक कॉम्पलेक्स’ को भी सील कर दिया है, जहां से संपत्ति संबंधी दस्तावेज बरामद हुए। माना जा रहा है कि यही स्थान अवैध गतिविधियों का दस्तावेजी केंद्र था।

तीन राज्यों में 15 ठिकानों पर छापेमारी

ईडी की टीम ने गुरुवार को बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में छांगुर और उसके सहयोगियों के कुल 15 ठिकानों पर छापे मारे। शुक्रवार दोपहर तक चली जांच में यह सामने आया कि छांगुर द्वारा प्राप्त धन से उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कई संपत्तियां खरीदी गईं, जिनमें अधिकांश नवीन व नीतू रोहरा के नाम हैं।

तलाशी के दौरान ईडी को विदेशी संस्थाओं से लिंक और लेनदेन के संकेत भी मिले हैं, जो इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं।

विदेशी मुद्रा से संबंधों की भी जांच

मुंबई में नवीन रोहरा के एक करीबी सहयोगी शहजाद शेख के मोबाइल से क्रोएशिया की मुद्रा ‘कुना’ की तस्वीर मिलने के बाद ईडी अब विदेशी मुद्रा के लेनदेन की कड़ी को खंगाल रही है। मोबाइल डिवाइस से मिले डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

हालांकि ईडी को छापों के दौरान धर्मांतरण नेटवर्क से जुड़े अधिकांश दस्तावेज नहीं मिले। अधिकारियों का मानना है कि ये दस्तावेज पहले ही एटीएस के कब्जे में लिए जा चुके हैं।

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