सहारनपुर में कैराना से सांसद इकरा हसन के साथ कथित दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर विरोध दर्ज कराया है और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अपर जिलाधिकारी (एडीएम) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि वे सांसद इकरा हसन के साथ खड़े हैं और इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सपा जिलाध्यक्ष चौधरी अब्दुल वाहिद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संबंधित अधिकारी पर उचित कदम उठाने की अपील की है।

सपा नेताओं ने जताई नाराजगी, जनप्रतिनिधियों के अपमान का विरोध

सपा महानगर प्रभारी एवं पार्षद अभिषेक टिंकू अरोड़ा ने अपने पत्र में लिखा कि सांसद इकरा हसन और छुटमलपुर नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन जनसमस्याओं को लेकर एडीएम से मिलने गई थीं। इस दौरान उनके साथ किया गया व्यवहार अस्वीकार्य है।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य फैसल सलमानी ने इस प्रकरण को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया और कहा कि इसकी शिकायत उच्च प्रशासनिक स्तर तक पहुंचाई जाएगी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव का भी तीखा हमला

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के ज़रिए बयान देते हुए कहा कि जो अधिकारी सांसद का सम्मान नहीं कर सकता, वह आम नागरिकों के साथ कैसा व्यवहार करता होगा, यह सोचने की बात है।

मामले की जांच शुरू, अमर उजाला ने उठाया मुद्दा

यह घटना 1 जुलाई को सामने आई जब कैराना सांसद इकरा हसन और शमा परवीन सहारनपुर के एडीएम कार्यालय पहुँची थीं। सांसद की ओर से आरोप लगाया गया कि अधिकारी ने न केवल अभद्र भाषा का प्रयोग किया बल्कि उन्हें कार्यालय से जाने को भी कह दिया।

इस संबंध में शिकायत की प्रति मंडलायुक्त को भी भेजी गई, जिनके निर्देश पर जिलाधिकारी ने जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी है। अमर उजाला ने इस मामले को 16 जुलाई के संस्करण में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। एडीएम संतोष बहादुर सिंह से भी इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

भाजपा शासन पर पूर्व विधायकों का निशाना

पूर्व विधायक माविया अली ने भी इस प्रकरण पर नाराज़गी जताई और कहा कि प्रदेश में अधिकारी बेलगाम होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सांसद के साथ किए गए व्यवहार को राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया और सख्त शब्दों में इसकी निंदा की। पूर्व सभासद सिकंदर अली ने भी इस पूरे घटनाक्रम की आलोचना की।

"इकरा हमारी बेटी है" – पूर्व सांसद का भावुक समर्थन

पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने फेसबुक पर लिखा कि सांसद इकरा हसन हमारी बेटी जैसी हैं और उनके साथ हुए व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सांसदों के लिए एक निर्धारित प्रोटोकॉल होता है, जिसका पालन नहीं किया गया।

एडीएम ने आरोपों को किया खारिज

इस पूरे मामले में एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने अपने बचाव में कहा कि उन्हें जैसे ही सांसद की उपस्थिति की सूचना मिली, वह कार्यालय पहुँचे। उन्होंने बताया कि सांसद फोन रिसीव न करने से नाराज़ थीं और उन्होंने कोई लिखित शिकायत भी नहीं दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सांसद या किसी प्रतिनिधि को कार्यालय से बाहर जाने के लिए नहीं कहा गया और सभी जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया जाता है।

महिला विरोधी मानसिकता के अधिकारी पर कार्रवाई की मांग: इकरा हसन

सांसद इकरा हसन ने कहा कि वह निजी कार्य से कलेक्ट्रेट गई थीं, जहां शमा परवीन ने उन्हें अपनी समस्या बताई। वह उनके साथ एडीएम से मिलने गईं, लेकिन अधिकारी न केवल देरी से आए, बल्कि महिलाओं और जनप्रतिनिधियों के साथ अनुचित व्यवहार किया।

उन्होंने कहा कि सरकार 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' और महिला सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन इस घटना से वास्तविकता उजागर होती है। उन्होंने सरकार से अपील की कि महिला विरोधी सोच रखने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो।