बुंदेलखंड और कानपुर के आसपास जिलों में गरज चमक के साथ बारिश का दौर बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। इस बीच बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा मौतें फतेहपुर में हुईं, जहां पांच लोगों की जान चली गई। मृतकों में बांदा, जालौन और कन्नौज के भी तीन लोग शामिल हैं।

फतेहपुर के मलवां थाने के कुरुस्तीकलां गांव में रामभरोसे सिंह के खेत में धान रोपाई के लिए गांव की रामकुमारी (48), कुसुमा देवी (35), गोमती देवी (34), शिवानी (22), पूजा (24) और सूरज पाल गए थे। करीब 11 बजे बारिश के दौरान बिजली गिरने से रामकुमारी, कुसुमा, गोमती की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी तीनों बुरी तरह झुलस गए। कुछ दूर खेतों पर काम कर रहे किसान हादसा देखकर दौड़े और सभी को खेत से बाहर निकाला। पुलिस ने झुलसे तीनों लोगों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया।

थाने के भरसवां गांव के बरमतपुर निवासी विमलेश कुमार की पुत्री शिखा देवी (21) बीए तृतीय वर्ष की छात्रा थी। बारिश के समय दरवाजे पर बंधे मवेशियों को सुरक्षित जगह पर बांधने के लिए ले जाने लगी। तभी बिजली गिरने से शिखा की मौत हो गई। वहीं फतेहपुर में ही प्रेमनगर में खेत में काम कर रहे किसान रामपाल (50) की बिजली गिरने से मौत हो गई।

इधर बांदा के बबेरू में मवेशी चराने गए दो लोगों पर बिजली गिर गई। इसमें सुलखान निषाद (21) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गांव के सूरजपाल सिंह (55) झुलस गए। उधर उरई में जानवर चराने खेत पर गए भोलेराम (58) आकाशीय बिजली की चपेट में आ गये। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस बीच खेत में काम करने दौरान बिजली की चपेट में आए मन्नू (50) ने बृहस्पतिवार को दम तोड़ दिया। वह बुधवार को बिजली की चपेट में आने से बुरी तरह झुलस गए थे।