उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले में बिलारी हाईवे पर स्थित गांधी पार्क में बुधवार रात एक युवक सेवा भंडारे में कांवड़िये बनकर पहुंचा, लेकिन उसकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। पूछताछ में उसने पहले खुद को 'कपिल' बताया, लेकिन बाद में असली पहचान 'फैज' निवासी बहजोई के रूप में सामने आई। भंडारा समिति की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

‘ओम’ का टैटू दिखाकर छिपाई पहचान

भोले सेवा समिति, बिलारी की ओर से सावन के अवसर पर गांधी पार्क में हर साल की तरह भंडारे का आयोजन किया गया था। बुधवार रात करीब आठ बजे जब श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर रहे थे, तब एक युवक की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। शक होने पर जब उससे नाम पूछा गया तो उसने खुद को 'कपिल, नया गांव बहजोई' निवासी बताया और अपने हाथ पर बना 'ॐ' का टैटू दिखाकर हिंदू होने का प्रमाण देने लगा।

पूछताछ में उगला सच, बताया असली नाम

जब समिति के सदस्यों ने युवक को थाने भेजने की चेतावनी दी, तो वह घबरा गया और अंततः उसने स्वीकार किया कि उसका असली नाम फैज है। समिति ने तुरंत थाने को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को अपने साथ ले गई।

गुरुवार सुबह समिति के सदस्यों — लकी सिंह, गोल्डी सिंह, राजू सिंह, नीरज कुमार सहित अन्य ने थाने पहुंचकर युवक के खिलाफ लिखित शिकायत दी।

प्रसाद को अपवित्र करने की आशंका

समिति का कहना है कि युवक की मौजूदगी भंडारे के प्रसाद और धार्मिक माहौल के लिहाज से संदिग्ध थी। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं होती, तो युवक प्रसाद को अपवित्र कर सकता था। थाना बिलारी के प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। युवक द्वारा दिए गए पते और विवरण की पुष्टि के लिए टीम भेजी गई है।

खाना खाकर हाथ न धोना बना शक की वजह

समिति सदस्यों ने बताया कि युवक कांवड़ियों के साथ आया, लेकिन उसके तौर-तरीकों में अंतर नजर आया। जैसे ही युवक ने भोजन करने के बाद हाथ नहीं धोए और बिना सफाई के ही वापस कांवड़ियों के बीच बैठ गया, सदस्यों को संदेह हुआ। जब उससे पूछा गया कि वह किस कांवड़ दल से है और किसके साथ आया है, तो वह स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने फर्जी नाम देने की बात स्वीकार कर ली।