फतेहपुर में आबूनगर मकबरा मामले में उपद्रव के आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए एसओजी और इंटेलीजेंस विंग की टीम गठित की है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के मोबाइल बंद होने के कारण उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। पुलिस ने टीमों को दबिश देकर आरोपियों को पकड़ने का निर्देश दिया है।
एसओजी प्रभारी विनोद कुमार यादव और इंटेलीजेंस विंग प्रभारी विनोद मिश्रा की अगुवाई में तीनों टीमें संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं। पुलिस का दावा है कि आरोपी एक-दूसरे से संपर्क में हैं और फिलहाल सुरक्षित हैं। अधिकारियों का मानना है कि पुलिस का दबाव बढ़ने पर आरोपी आत्मसमर्पण भी कर सकते हैं।
इस उपद्रव में भाजपा नेता अभिषेक शुक्ला, आशीष त्रिवेदी, समाजवादी पार्टी से निष्कासित पप्पू सिंह चौहान, भाजयुमो नेता प्रसून तिवारी, सभासद रितिक पाल, जिला पंचायत सदस्य अजय सिंह उर्फ रिंकू लोहारी और दलित समाज के नेता देवनाथ धाकड़े समेत कुल 160 लोग शामिल थे।
पुलिस ने पप्पू सिंह चौहान और अन्य 10 नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा 150 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। सपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने पप्पू सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर निष्कासित कर दिया है।
घटना के बाद बाकरगंज वार्ड के मुस्लिम सभासदों ने शहर के काजियों को हटाने की मांग की है और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी विरोध दर्ज कराया।
शहरभर में इस मामले को लेकर चर्चा रही। डीएम रविंद्र सिंह और एसपी अनूप सिंह ने मौके का दौरा किया और हालात सामान्य होने की जानकारी दी। वहीं, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता अलीक खान ने आरोपियों पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने वायरल वीडियो के संदर्भ में सरकार से मांग की कि दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए और ऐसा न करने वाले अधिकारियों को हटाया जाए।