मानिकपुर के कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर राजेश मिश्रा की बढ़ती दौलत और फैला नेटवर्क कई सवाल खड़े कर रहे हैं। बिना किसी व्यवसाय या रोजगार के उसने लखनऊ, रायबरेली और प्रयागराज में संपत्तियाँ खड़ी कर लीं। स्थानीय लोग बताते हैं कि शुरुआत में वह छोटे स्तर पर नशे की बिक्री करता था, लेकिन धीरे-धीरे बड़ा सप्लायर बन गया। उसकी गैरमौजूदगी में पूरा कारोबार परिवार के सदस्यों के हाथों में चला जाता था।
शिकायतें कई बार हुईं, लेकिन अमूमन पुलिस सिर्फ औपचारिक कार्रवाई कर लौट आती थी। पाँच महीने पहले एक पड़ोसी की शिकायत पर उल्टा उसी के घर जाकर पुलिसकर्मियों के धमकाने का वीडियो भी सामने आया, जो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा।
संपत्ति और प्रभाव का जाल
राजेश के नाम मानिकपुर में तीन मकान, लाखों की जमीन और दो लग्जरी वाहन हैं। इसके अलावा उसने बाहर भी कई मकान और फ्लैट खरीद रखे थे। उसके हर बार पकड़े जाने पर प्रभावशाली लोगों के फोन पुलिस तक पहुँच जाते थे। यहाँ तक कि बाहर तैनात पुलिसकर्मियों की सिफारिशें भी आती थीं।
तस्करी का उसका नेटवर्क मध्य प्रदेश के रीवा से लेकर उत्तर प्रदेश के दस से अधिक जिलों तक फैला हुआ है। हालांकि एसपी दीपक भूकर का कहना है कि अब तक पुलिसकर्मियों की सीधी मिलीभगत के प्रमाण नहीं मिले हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोई साक्ष्य मिला तो कठोर कार्रवाई होगी। फिलहाल उसकी बेनामी और अवैध संपत्तियों की जाँच जारी है, जिन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया जा रहा है।
पुलिस का रुख और कार्रवाई
एसपी दीपक भूकर ने बताया कि राजेश के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विशेष नारकोटिक्स टीम गठित की गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसकी गैरहाजिरी में कारोबार कौन संभालता था।
उधर, मानिकपुर में छापेमारी कर करोड़ों रुपये के साथ भारी मात्रा में गांजा और स्मैक बरामद करने वाली टीम को एडीजी प्रयागराज संजीव कुमार ने एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया। एसपी ने भी टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देकर प्रोत्साहित किया।
3.6 करोड़ की संपत्ति कुर्क
कुंडा सीओ अमरनाथ गुप्ता के अनुसार, राजेश और उसकी पत्नी रीना मिश्रा की 3.6 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की जा चुकी है। राजेश के जेल जाने के बाद रीना ने तस्करी का काम आगे बढ़ाया, जबकि वह खुद जेल से नेटवर्क चला रहा था। अब शेष संपत्तियों पर कार्रवाई की तैयारी तेज हो गई है।