उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे जिले की पांच तहसीलों के 150 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि ग्रामीणों को दैनिक जरूरत की वस्तुओं के लिए भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ का असर शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ा है। जिले के 102 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय जलभराव के कारण बंद कर दिए गए हैं। बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों में 8 अगस्त तक अवकाश घोषित कर दिया है। यदि जलस्तर में जल्द कमी नहीं आती, तो छुट्टियों की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर है, हालांकि अब इसमें प्रति घंटे लगभग आधा सेंटीमीटर की रफ्तार से गिरावट दर्ज की जा रही है।
फसलें डूबीं, संपर्क मार्ग भी प्रभावित
बाढ़ का कहर कृषि पर भी भारी पड़ा है। जिले में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है। कई गांवों के संपर्क मार्ग कट गए हैं, जिससे आवाजाही में दिक्कतें बढ़ गई हैं।
प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी हैं और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता सामग्री पहुंचाई जा रही है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जैसे-जैसे जलस्तर में गिरावट आएगी, स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगेगी।