गोंडा के बालपुर बाजार में सोमवार शाम उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक युवक के परिजनों ने गोंडा-लखनऊ हाईवे पर चलती एंबुलेंस से शव उतारकर सड़क पर रख दिया और रास्ता जाम कर दिया। मृतक की पहचान हृदयलाल (22 वर्ष) के रूप में हुई है। गुस्साए परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए शव को सड़क से हटाकर यातायात बहाल कराने का प्रयास किया। इस दौरान हालात नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। किसी तरह शव को शवदाह गृह ले जाया गया, लेकिन वहां परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि आरोपियों के खिलाफ अब तक उचित कार्रवाई नहीं की गई है।
पूर्व से सतर्क थी पुलिस
घटना की आशंका को देखते हुए पुलिस पहले से ही सतर्क थी। सोमवार शाम करीब 6 बजे जब एंबुलेंस शव लेकर बालपुर पहुंची, तब करनैलगंज, नगर कोतवाली, परसपुर और देहात कोतवाली की टीमें पहले से तैनात थीं। हालांकि, परिजनों ने पुलिस को चकमा देते हुए अचानक चलती एंबुलेंस से शव सड़क पर गिरा दिया, जिससे हंगामा शुरू हो गया।
देहात कोतवाली प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के परिवार द्वारा जिन लोगों को नामजद किया गया था, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। परिजन आरोपियों पर बुलडोजर चलाने और फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने उन्हें सड़क जाम करने से रोका और बातचीत के ज़रिए मामला शांत कराने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
मूल घटना देहात कोतवाली क्षेत्र के लक्ष्मणपुर जाट गांव के गड़रियनपुरवा की है। शुक्रवार को गांव निवासी हृदयलाल को आपसी विवाद में कुछ पट्टीदारों ने महज 200 रुपये को लेकर बुरी तरह पीट दिया था। गंभीर हालत में परिजनों ने उसे लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शव जैसे ही गांव पहुंचा, परिजनों ने आक्रोश में आकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।