उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली स्थित नवीन मंडी स्थल में सपा रालोद गठबंधन का भाईचारा सम्मेलन शुरू किया गया। गठबंधन के नेताओं की चेतावनी के बाद शुक्रवार की शाम को प्रशासन बैकफुट पर आ गया था। खतौली की नवीन मंडी में ही भाईचारा सम्मेलन करने को अनुमति शर्तों के साथ दे दी गई। रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यहां उन्होंने मंच से बोलते हुए कहा कि सरकार गन्ने का भाव खोलने को तैयार नहीं है।
2023 में रालोद चलाएगा समरसता अभियान : जयंत सिंह
रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने कहा कि यह चुनाव वह हमेशा याद रखेंगे। तीन गांव में तो वह हर घर तक गए। खतौली से सीख लेकर तय किया है कि यह कारवां रुकेगा नहीं। रालोद ने अब समरसता अभियान चलाने का फैसला किया है। नए साल के बाद समरसता अभियान चलेगा।

खतौली में गठबंधन की रैली में उन्होंने कहा कि 2023 में वह खुद 15 सौ गांव में जाएंगे। गठबंधन के जरिए व्यवस्था बदलने की लड़ाई है। किसान परिवार की मासिक आय सिर्फ आठ हजार है, एक परिवार में कई-कई सदस्य होते हैं। सरकार के दलाल किसानों को परेशान करते हैं, लेकिन किसानों की चिंता नहीं करते। चीन का दखल बढ़ रहा है, लेकिन सरकार जवाब नहीं दे रही है।
खतौली नवीन मंडी में रालोद-सपा गठबंधन का भाईचारा सम्मेलन को लेकर जिला प्रशासन ने अनुमति देने से मना कर दिया था। शनिवार की सुबह गठबंधन पदाधिकारियों ने कार्यालय पर प्रेस वार्ता कर भाजपा नेताओं और जिला प्रशासन पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर सीओ के माध्यम से अनुमति मिल गई थी। मगर, सम्मलेन से एक दिन पहले ही प्रशासन की तरफ से अनुमति रद्द करा दी गई। इससे साफ जाहिर होता है कि यह सब साजिशन हुआ है।
कहा कि सत्ताधारी नेताओं के दबाव में आकर यह निर्णय लिया गया। सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी, रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, पूर्व सांसद राजपाल सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष अजीत राठी, रालोद विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान, विधायक चंदन चौहान, विधायक अनिल कुमार, पूर्व मंत्री योगराज सिंह शामिल रहे।