हस्तिनापुर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हस्तिनापुर में रविवार को धरोहर बचाओ-संस्कृति बचाओ अभियान चलाया गया। इस दौरान जागरूकता रैली निकालकर शहीद के परिवार को सम्मानित किया गया। उत्खनन में एक मनका, अनाज व चावल के जले दाने मिले।

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अधीक्षण पुरातत्वविद् दिव्यसदा ब्रजसुंदरम् गणनायक ने बताया कि देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसके तहत पुरातत्व विभाग ने भी धरोहर बचाओ-संस्कृति बचाओ अभियान चलाया है। इसी क्रम में अधीक्षण पुरातत्वविद् के नेतृत्व में जागरूकता रैली निकाली गई। लोगों को धरोहरों के बारे में जागरूक कर उन्हें संरक्षित करने की अपील की गई। रैली पांडव टीले से शुरू होकर मुख्य मार्ग व बाजार से होती हुई कारगिल शहीद योगेंद्र यादव के आवास पर पहुंची।

जहां उनकी धर्मपत्नी वीरनारी उर्मिला यादव को पुष्पगुच्छ देकर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। उनके भाइयों को भी सम्मानित किया गया। अधीक्षण पुरातत्वविद् डीबी गणनायक का कहना है कि पुरातत्व विभाग देश की संस्कृति व धरोहर बचाने का कार्य कर रहा है, लेकिन सम्मान उन लोगों का होना चाहिए, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन्होंने शहीद के भाई अनिल यादव, सुशील यादव से बात की और योगेंद्र यादव का जीवन परिचय जाना। नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के चेयरमैन प्रियंक भारती, विवेक सिंह, तन्मय समेत विभिन्न प्रदेशों से आए प्रशिक्षु शामिल रहे।

हस्तिनापुर महाभारत काल का साक्षी

नेचुरल सांइसेज टस्ट के चेयरमैन प्रियंक भारती ने पांडव टीला पहुंचकर अधीक्षण पुरातत्वविद डीबी गणनायक को गीता भेंट की। उन्होंने कहा कि हस्तिनापुर महाभारत काल का साक्षी है तथा भगवान कृष्ण की कर्मभूमि के रूप में जाना जाता है। इसलिए शुभकार्य में गीता का बहुत बड़ा महत्व है।

उत्खनन में कछुए की हड्डी मिली

धरोहर बचाओ संस्कृति बचाओ जागरूकता रैली के आयोजन के कारण रविवार को पांडव टीले पर दोपहर बाद उत्खनन शुरू हो सका। शाम के समय हुए उत्खनन में एक मनका, अनाज व चावल के जले दाने मिले। एएसआइ का मानना है कि हस्तिनापुर आग व बाढ़ से कई बार तबाह हो चुका है। अधीक्षण पुरातत्वविद ने बताया कि उत्खनन के दौरान जलीय जीव कछुए की हड्डी भी मिली है। जिससे प्रतीत होता है कि गंगा नदी की बाढ़ के समय काफी जलीय जीवों ने विचरण किया होगा।