लखनऊ नगर निगम अब देशभर के नगर निकायों को आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रित करने के लिए नसबंदी प्रक्रिया की ट्रेनिंग देगा। इसके लिए इंदिरानगर स्थित जरहरा पशु चिकित्सालय में एक विशेष प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई है। प्रशिक्षण कार्य आगामी 15 दिनों में शुरू हो जाएगा।
बढ़ती घटनाओं के चलते आई ज़रूरत
शहरों में आवारा कुत्तों के काटने और दौड़ाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे कई बार जानलेवा हादसे भी हो चुके हैं। ऐसे में कुत्तों की आबादी नियंत्रण को लेकर गंभीरता बढ़ी है। फिलहाल प्रदेश में लखनऊ ही एकमात्र ऐसा स्थान है जहां नसबंदी केंद्र संचालित है, लेकिन अब इसे पूरे राज्य और देश तक विस्तार देने की योजना बनाई गई है।
प्रदेश सरकार से मिले निर्देश
राज्य सरकार ने नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि वह अन्य नगर निगमों और नगरपालिकाओं को नसबंदी प्रशिक्षण प्रदान करे। इसी क्रम में लखनऊ में प्रशिक्षण केंद्र तैयार किया गया है, जहां न सिर्फ प्रदेश के बल्कि देश के अन्य राज्यों के निकायों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
मुंबई की संस्था करेगी प्रशिक्षण
नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के अनुसार, मुंबई की ह्यूमन वर्ल्ड फॉर एनीमल वेलफेयर संस्था को प्रशिक्षण कार्य के लिए चुना गया है। यह संस्था पहले से ही लखनऊ में नसबंदी कार्यक्रम चला रही है। मंगलवार को संस्था के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में प्रशिक्षण की लागत और प्रक्रिया पर चर्चा की गई।
डॉ. वर्मा ने बताया कि केवल आवारा कुत्तों की ही नसबंदी की जा सकती है और उन्हें प्रक्रिया के बाद उसी स्थान पर वापस छोड़ा जाना जरूरी है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। इसके लिए प्रशिक्षित स्टाफ और मानक सुविधाओं वाला पशु चिकित्सालय होना आवश्यक है।
केंद्र पर 2.5 करोड़ का निवेश
अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव ने बताया कि इस केंद्र के निर्माण पर करीब 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। प्रशिक्षण से संबंधित सभी खर्च एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा वहन किए जाएंगे। पहला प्रशिक्षण सत्र 15 दिन के भीतर आरंभ होगा। उन्होंने बताया कि यह केंद्र नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव के विशेष प्रयासों से तैयार हुआ है और यह देश का पहला ऐसा प्रशिक्षण केंद्र है जो कुत्तों की नसबंदी के लिए समर्पित है।