मैनपुरी के बेवर कस्बे में शुक्रवार को हुए भीषण सड़क हादसे ने पांच जिंदगियां खत्म कर दीं, लेकिन इन पांच में एक और अनकही मौत शामिल थी — पूजा के गर्भ में पल रहे बच्चे की। तीन माह की गर्भवती पूजा भी हादसे में जान गंवा बैठीं। हादसे के बाद से पूरा परिवार गहरे सदमे में है।
कस्बा किशनी के हरीपुर कैथोली गांव निवासी दीपक अपनी पत्नी पूजा और बेटियों आराध्या और आशी के साथ कन्नौज के छिबरामऊ की आवास विकास कॉलोनी में रह रहे थे। परिवार में खुशियां थीं, लेकिन एक अधूरी इच्छा भी — एक बेटा, जिसे दोनों बहनें राखी बांध सकें। यह सपना पूजा और दीपक दोनों के दिल में बसा था। लेकिन नियति ने इस अभिलाषा को पूरा होने से पहले ही तोड़ दिया।
शुक्रवार को बेवर क्षेत्र में हुए हादसे में जब कार दुर्घटनाग्रस्त हुई, तो न केवल चीख-पुकार मच गई, बल्कि उस अजन्मे बच्चे की भी आवाज़ अनसुनी रह गई, जो इस दुनिया में कदम रखने ही वाला था।
आराध्या के सिर से उठा माता-पिता का साया
इस हादसे ने 11 वर्षीय आराध्या की जिंदगी को झकझोर कर रख दिया। उसने माता-पिता और छोटी बहन आशी को खो दिया। राखी पर भाई की कलाई सजाने का सपना भी अधूरा रह गया। आराध्या इस समय सैफई मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है। हादसे के बारे में उसे अभी कुछ नहीं बताया गया। जब वह होश में आएगी और सच्चाई सामने आएगी, तो उसके मासूम सवालों का जवाब देना मुश्किल होगा।
नगला ताल के पास हुआ था हादसा
दीपक अपनी पत्नी पूजा, बेटियों आशी और आराध्या के साथ आगरा से भतीजी काव्या का जन्मदिन मनाकर लौट रहे थे। उनके साथ बहन सुजाता और चार साल की भांजी आर्या (निवासी-आर्मी कॉलोनी, फर्रुखाबाद) भी कार में सवार थीं। बेवर के नगला ताल के पास जीटी रोड पर उनकी कार एक बड़े हादसे का शिकार हो गई।
इस दुर्घटना में दीपक, पूजा, आशी, सुजाता और आर्या की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि आराध्या गंभीर रूप से घायल हुई और उसे सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।