समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ लखनऊ में प्राथमिकी दर्ज की गई है। FIR दर्ज होने के बाद मौलाना का बयान सामने आया है, वहीं संसद में एनडीए सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस पर सांसद डिंपल यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है और मणिपुर की घटनाओं की ओर ध्यान दिलाया।
मौलाना बोले- FIR क्यों हुई, नहीं दिया आपत्तिजनक बयान
मौलाना साजिद रशीदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है, लेकिन वे यह नहीं समझ पा रहे कि ऐसा क्या कहा जिससे मामला इस स्तर तक पहुंचा। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्होंने कोई आतंकी गतिविधि की है, जो उनके खिलाफ संसद तक में प्रदर्शन हो रहा है?
उन्होंने कहा कि उनका बयान इस्लामिक मान्यताओं के संदर्भ में था और वे अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने तर्क दिया कि मस्जिद की मर्यादा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी किसी व्यक्ति की गरिमा। रशीदी ने कहा कि जानबूझकर उनके बयान को विवाद का रूप दिया जा रहा है और पूरे वक्तव्य को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
"विवाद को जानबूझकर तूल दिया गया"
मौलाना ने आरोप लगाया कि राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए कुछ लोग इस मुद्दे को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक इस्लामिक विद्वान होने के नाते उन्होंने धार्मिक मर्यादा पर टिप्पणी की है। मौलाना ने दावा किया कि यह विवाद समाजवादी पार्टी और मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की ओर से जानबूझकर खड़ा किया गया है।
डिंपल यादव ने मणिपुर की दिलाई याद
इस मुद्दे पर डिंपल यादव ने कहा कि यदि बीजेपी मणिपुर में महिलाओं पर हुए अत्याचार के समय भी इसी तरह सामने आती तो बेहतर होता। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की महिला अफसरों पर दिए गए बयानों का भी उल्लेख करते हुए सवाल किया कि उस वक्त भाजपा ने ऐसा प्रदर्शन क्यों नहीं किया?
BJP सांसद बांसुरी स्वराज और इकरा हसन की प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने सवाल उठाया कि अखिलेश यादव अब तक इस मामले पर चुप क्यों हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी इस मामले में तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है।
वहीं समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन, जो उस मस्जिद बैठक में मौजूद थीं, ने भी मौलाना के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है और इस पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।