उत्तर प्रदेश में अब पुरानी और महंगी कार-बाइक रखने वाले लोग अपने वाहनों को विंटेज श्रेणी में पंजीकृत करवा सकते हैं। परिवहन विभाग ने इस सुविधा को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की 2021 की अधिसूचना के आधार पर लागू किया है।
परिवहन विभाग के अनुसार, वाहन अपनी उम्र के आधार पर स्वतः विंटेज नहीं माने जाएंगे। इसके लिए वाहन मालिक को अपने जिले के आरटीओ या एआरटीओ कार्यालय में आवेदन करना होगा, जहां मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर वाहन की जांच करेंगे। आवेदन जमा होने के 60 दिन के भीतर प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
नई विंटेज गाड़ी के लिए रजिस्ट्रेशन (आरसी) का शुल्क 20,000 रुपये है, जबकि विंटेज गाड़ी की आरसी का नवीनीकरण कराने के लिए 5,000 रुपये देने होंगे। विंटेज गाड़ियों की आरसी 10 साल तक वैध रहेगी, इसके बाद हर पांच साल में नवीनीकरण कराना होगा।
विंटेज गाड़ियों के लिए मानदंड
केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, पहली बार रजिस्ट्रेशन की तारीख से 50 साल या उससे अधिक पुरानी गाड़ियां विंटेज मानी जाएंगी। इनके चेसिस, बॉडी या इंजन में कोई बड़ा बदलाव नहीं होना चाहिए। ट्रैक्टर जैसे वाहन इस श्रेणी में शामिल नहीं होंगे। विंटेज गाड़ियों की नंबर प्लेट हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की आवश्यकता नहीं होगी।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि विंटेज गाड़ियों को रोजमर्रा के उपयोग या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नहीं चलाया जा सकता। यह व्यवस्था केवल वाहनों की मौलिक स्थिति और हेरिटेज वैल्यू को बनाए रखने के लिए बनाई गई है। विंटेज रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों की आरसी पर यह नियम अंकित किया जाएगा। यदि मालिक चाहें तो बाद में सामान्य श्रेणी में पुनः पंजीकरण करवा सकते हैं।
एसओपी लागू होने तक केंद्र सरकार के नियम मान्य
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि यूपी में विंटेज वाहन पंजीकरण की सुविधा केंद्र सरकार की अधिसूचना और मोटर वाहन नियमों के अनुसार दी जा रही है। राज्य सरकार की ओर से विंटेज रजिस्ट्रेशन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विचाराधीन है। एसओपी लागू होने तक पंजीकरण केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार ही किया जाएगा। विभाग ने यह भी कहा कि तकनीकी कारणों से लंबित आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जा रहा है।