संभल। संभल जिले में तैनात क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी को जल्द ही पदोन्नति मिलकर एडिशनल एसपी बनाया जाएगा। उनके प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, केवल औपचारिक आदेश जारी होना शेष है। अनुज चौधरी 2012 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं और खेल कोटे से पुलिस सेवा में शामिल हुए थे।
प्रमोशन के लिए पूरी की गई आवश्यक सेवा अवधि
सूत्रों के अनुसार, एडिशनल एसपी पद के लिए 12 वर्षों की सेवा आवश्यक होती है, जो अनुज चौधरी ने पूरी कर ली है। उनके बैच का चयन वर्ष 2014 में हुआ था, लेकिन उन्हीं के पास पूरी सेवा अवधि पूरी होने का लाभ रहा, जिससे उनका नाम डीपीसी की सूची में शामिल किया गया। विभागीय प्रोन्नति समिति (DPC) की बैठक हाल ही में लोकभवन में मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी, जिसमें डीजीपी राजीव कृष्ण, अपर मुख्य सचिव एम. देवराज समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। 2007 से 2010 बैच के कुल 29 अधिकारियों पर विचार किया गया, जिनमें से सिर्फ अनुज चौधरी को सभी मापदंडों पर खरा पाया गया।
संभल हिंसा और बयानबाजी से मिली सुर्खियां
अनुज चौधरी का नाम तब खास चर्चा में आया जब संभल हिंसा के दौरान वह घायल हो गए थे। घटना के बाद उन्होंने दिए गए बयान में कहा था कि "होली साल में एक बार आती है, लेकिन जुमा 52 बार आता है।" इस बयान का समर्थन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किया था। इसके बाद वह कई बार सार्वजनिक बयानों के कारण चर्चाओं में रहे।
आजम खान से टकराव और खेल उपलब्धियां
अनुज चौधरी पहले भी उस वक्त चर्चा में आए थे जब सपा नेता आजम खान से उनकी तीखी बहस हो गई थी। आजम खान जब एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने पहुंचे थे, तो सीओ अनुज ने संख्या सीमा का हवाला देकर रोकने का प्रयास किया था।
खेल जगत में अनुज चौधरी की उपलब्धियाँ भी उल्लेखनीय हैं। उन्होंने राष्ट्रीय कुश्ती में कई पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। 2005 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और 2001 में लक्ष्मण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। अनुज चौधरी अब तक खेल कोटे से एडिशनल एसपी बनने वाले पहले अधिकारी बनेंगे।