अयोध्या। सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया (27 जुलाई) से प्रारंभ होने वाले सावन झूलनोत्सव मेले को लेकर अयोध्या पूरी तरह तैयार है। अनुमान है कि इस बार 15 से 20 लाख श्रद्धालु अयोध्या दर्शन हेतु आएंगे। प्रशासन द्वारा सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक तैयारियां की गई हैं। रामलला के दरबार में बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त किया गया है।
राम जन्मभूमि परिसर की निगरानी 850 हाई-टेक कैमरों से
70 एकड़ में फैले मंदिर परिसर की निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो कंट्रोल कमांड सेंटर से जुड़े हैं। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे के अनुसार, ये कैमरे फेस डिटेक्शन, मोशन ट्रैकिंग और नाइट विजन जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस हैं। विशेष दिनों में ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जाएगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलने पर तुरंत अलर्ट जारी किया जाएगा और संबंधित फोर्स तत्परता से कार्रवाई करेगी।
3,000 सुरक्षाकर्मी, सादे कपड़ों में जवानों की तैनाती
परिसर की सुरक्षा की कमान तीन हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों के हाथों में होगी। इसके अलावा मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में सादे वेश में जवान भी निगरानी में लगे रहेंगे। स्थानीय दुकानदारों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और ट्रस्ट की सहमति से ज़रूरत पड़ने पर दर्शन मार्ग की दिशा में परिवर्तन अथवा कतारों को बढ़ाने का भी प्रावधान रखा गया है।
तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा, चप्पे-चप्पे पर चौकसी
रामलला की सुरक्षा को लेकर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है:
- प्रथम घेरे में रामपथ, रामकोट, धर्मपथ जैसे प्रमुख मार्गों पर चौकसी होगी।
- दूसरे घेरे में मंदिर परिसर की बाहरी परिधि की निगरानी की जाएगी।
- तीसरा घेरा, जो सबसे अधिक सुरक्षित होगा, गर्भगृह और आंतरिक क्षेत्र में तैनात रहेगा।
सुरक्षा बलों की संयुक्त तैनाती
अयोध्या में ATS, RAF, SSF, CRPF, PAC और स्थानीय पुलिस के जवानों को सामूहिक रूप से तैनात किया गया है। सुरक्षा, तकनीकी व्यवस्था और जनसहभागिता के सामंजस्य से प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है।
श्रद्धालुओं से अपील:
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्भय होकर दर्शन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या सुरक्षाकर्मियों को दें।