राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में खास पहचान बनाने वाले पूर्व विधायक और टिकौला चीनी मिल के संस्थापकों में शामिल रहे उद्यमी सोमांश प्रकाश (85) का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उपचार के लिए उन्हें नई दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मूलरूप से शामली के बाबरी निवासी सोमांश प्रकाश लंबे समय से शहर के नई मंडी में रह रहे थे। वर्ष 1980 में कांग्रेस इंदिरा के टिकट पर थानाभवन, 1989 में जनता दल से शहर और 1991 में जनता दल के टिकट पर फिर थानाभवन से विधायक चुने गए थे। कांग्रेस के लगातार 10 साल जिलाध्यक्ष रहे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के करीबियों में शामिल रहे। 

वह शुकतीर्थ आश्रम ट्रस्ट के करीब 20 साल अध्यक्ष भी रहे। उनके पास एसडी कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष का दायित्व भी रहा। परिवार में उनका बेटा निरंकार स्वरूप है। मंगलवार दोपहर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं से उनका जुड़ाव रहा। थानाभवन में उन्हीं के प्रयास से 25 बेड का राजकीय चिकित्सालय बना था। उनके निधन से जिले में शोक की लहर है। पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज, सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है।

जनता दल ने सोमांश को बनाया था कोषाध्यक्ष
लंबे समय तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले सोमांश प्रकाश को जनता दल में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के बेहद करीबी रहे। पश्चिम में जनता दल को मजबूत करने और टिकट बंटवारे में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

सोमांश के आवास से जब वीपी सिंह ने भेजा इस्तीफा
भूदान आंदोलन में अपनी विरासत की जमीन दान देकर चर्चा में आए पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह पश्चिम यूपी के दौरे पर थे। बोफोर्स प्रकरण ने जोर पकड़ा। तत्कालीन राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे वीपी सिंह पूर्व विधायक सोमांश प्रकाश के नई मंडी स्थित आवास पर पहुंचे और यहां से सरकार को अपना इस्तीफा भेजा था। इसके बाद 1989 में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से मुफ्ती मोहम्मद सईद को प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़ाया गया।

चुनाव के मैदान में इन्हें हराया
सोमांश प्रकाश ने पहला चुनाव कांग्रेस इंदिरा के टिकट पर 1980 में थानाभवन सीट से लड़ा था, जिसमें उन्होंने राव राफे खां को हराया। साल 1985 में अमीर आलम के सामने हार का सामना करना पड़ा। साल 1989 में जनता दल के टिकट पर शहर सीट से सोमांश प्रकाश ने महेंद्र प्रकाश डागा को हराया था। इसके बाद साल 1991 में फिर थानाभवन से जनता दल के टिकट पर भाजपा के ठाकुर जगत सिंह को हराया था।

जब इंदिरा गांधी को दिया 1.31 लाख का चंदा
जिले और प्रदेश की राजनीति में बाबू सोमांश प्रकाश ने अपने व्यक्तित्व से अमिट छाप छोड़ी थी। लंबे राजनीतिक जीवन में उनकी यादें और बातें स्मृतियों में रहेंगी। वर्ष 1978 में शहर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जनसभा हुई थी, जिसमें तब कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सोमांश प्रकाश ने 1.31 लाख का चंदा एकत्रित कर दिया था।

शामली जनपद का गांव बाबरी उनकी पैतृक भूमि है। उनके पिता लाला इंद्र प्रकाश ने मुजफ्फरनगर के नई मंडी में उद्योग क्षेत्र में पहचान बनाई थी। वीतराग स्वामी कल्याणदेव ने जब शुकतीर्थ के जीर्णोद्धार का शुभारंभ किया, तो लाला इंद्र प्रकाश भी विशेष सहयोगी बने। पिता के कर्तव्य को सोमांश प्रकाश ने श्रद्धा और भक्ति से निभाया। वह भी शिक्षा ऋषि के परम भक्त रहे।

बेटी के विवाह में आए थे राजीव गांधी
सूबे के शीर्ष राजनीतिज्ञों नारायण दत्त तिवारी और वीपी सिंह से उनकी बड़ी निकटता रही। उनकी बेटी अंशु के विवाह में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी शामिल हुए थे। सर्व समाज में उनकी आत्मीयता रही।