एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को नगीना से समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पारस को गैर जमानती वारंट के आधार पर जेल भेज दिया। वारंट जारी होने के बाद वे अदालत में पेश हुए।
शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव रसीदपुर गढ़ी के रहने वाले छतर सिंह ने कोर्ट में दावा किया कि 29 सितंबर 2020 की शाम, जब वह नांगल जट में अपनी स्कूटी से जा रहे थे, रेलवे फाटक के पास पीछे से एक कार आई और उनके सामने आकर स्कूटी रोक दी।
स्कूटी से उतरने के बाद, पूर्व मंत्री मूलचंद, उनके बेटे अमित, धामपुर निवासी कपिल गुर्जर, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष झालू रशीद, रफी सैफी और मनोज पारस ने उन्हें गाली-गलौज की और मुकदमे में पैरवी न करने की धमकी दी। इसके बाद उनके सीने में चाकू मारने का प्रयास किया गया। मारपीट के बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए। इस घटना के समय पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी।
इस मामले में नगीना से विधायक मनोज पारस के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी था। वारंट के चलते उन्होंने मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर किया और अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया।
बताया गया है कि इस मामले के वादी छतर सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाग ले रहे थे। चुनाव के दौरान उन्होंने जिला पंचायत के सदस्यों को उत्तराखंड के एक होटल में इकट्ठा किया था, जहां से समाजवादी पार्टी के लोग सदस्यों को ले गए थे। चुनाव में छतर सिंह को हार का सामना करना पड़ा था।