उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह सत्र स्वतंत्रता के अमृत काल के तीसरे वर्ष में हो रहा है और राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। इस बार का मानसून सत्र विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसमें सरकार अगले 25 वर्षों की कार्ययोजना सदन के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
सीएम ने बताया कि ‘विकसित यूपी’ का विजन नीति आयोग और विशेषज्ञों की सहायता से तैयार किया गया है, जिसमें समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। 13 और 14 अगस्त को सदन में इस विजन पर 24 घंटे लगातार चर्चा होगी, जो विधानसभा, विधान परिषद के साथ-साथ आम जनता की राय को भी शामिल करेगी। लक्ष्य है कि 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी विकसित प्रदेश के रूप में उभरे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रश्नकाल में उठाए गए सभी सवालों का स्वागत करती है और जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। वे युवाओं के हित, प्रदेश के विकास और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि अनावश्यक व्यवधान पैदा करने वालों को जनता खुद जवाब देगी।
सत्र में बाढ़ और जलजमाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, गरीब कल्याण और समाज के सभी वर्गों के उत्थान से जुड़े मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की है।
सीएम योगी ने विपक्ष पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि सपा का एजेंडा विकास की बजाय नकारात्मकता पर केंद्रित रहता है। पहले भी जब 36 घंटे की कार्यवाही को बढ़ाया गया था, तब सपा ने इसका विरोध किया और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने विपक्ष से सकारात्मक और विकासपरक चर्चा में भाग लेने की अपील की।
अंत में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल देश का सबसे बड़ा विधानमंडल है, जिसकी कार्यवाही पूरे देश के लिए उदाहरण है। पिछले साढ़े आठ वर्षों में विधानमंडल ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा की है। इस बार भी 25 करोड़ की आबादी की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण एजेंडे के साथ सत्र आयोजित किया जाएगा।