उत्तर प्रदेश पुलिस के 17 बहादुर अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी असाधारण बहादुरी और अपराधियों के खिलाफ साहसिक कार्रवाई के लिए गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया जाएगा। यह घोषणा 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर की गई। इन पुलिसकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना खतरनाक और वांछित अपराधियों को पकड़ने और मार गिराने में अहम भूमिका निभाई, जिससे समाज में सुरक्षा बढ़ाने में बड़ा योगदान मिला।
सबसे महत्वपूर्ण मामले में 5 जनवरी 2024 को गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र में पुलिस उपाधीक्षक (एसटीएफ) दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने 1 लाख रुपये के इनामी और 46 आपराधिक मामलों में वांछित अपराधी विनोद कुमार उपाध्याय को मुठभेड़ में घायल किया, जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस ऑपरेशन में इंस्पेक्टर हेमंत भूषण सिंह और हैड कांस्टेबल विनोद कुमार ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसी तरह, 3 सितंबर 2021 को बलिया के रसड़ा थाना क्षेत्र में एसटीएफ उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही, सब-इंस्पेक्टर यशवंत सिंह और हैड कांस्टेबल नीरज कुमार पांडेय ने शहाबुद्दीन गैंग के शूटर और 1 लाख रुपये के इनामी हरीश पासवान को मुठभेड़ में ढेर किया। हरीश पर हत्या, लूट और तीन राज्यों में 35 मामले दर्ज थे।
2 जुलाई 2020 को अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र में सब-इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने एक्सल गैंग के 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी बबलू उर्फ गंजा को मुठभेड़ में घायल किया, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस अपराधी पर 27 मामले दर्ज थे।
25 जनवरी 2020 को मेरठ के टी.पी. नगर थाना क्षेत्र में तत्कालीन एसएसपी (मेरठ) और वर्तमान डीआईजी (बरेली) अजय कुमार साहनी ने 1 लाख रुपये के इनामी बदमाश चांद उर्फ काले को मुठभेड़ में मार गिराया। उस पर लूट समेत 39 गंभीर मामले दर्ज थे। इस कार्रवाई में नायब पुलिस उपाधीक्षक दिनेश चंद्र और मुख्य आरक्षी मनोज कुमार भी शामिल थे।
इसके अलावा, 2 जून 2023 को गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र में सब-इंस्पेक्टर मुकेश कुमार, सब-इंस्पेक्टर अरुण कुमार और हैड कांस्टेबल टिंकल ने हत्या के आरोपी और 50 हजार रुपये के इनामी विशाल चौधरी उर्फ मोनू को मुठभेड़ में घायल किया, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज थे।