देश के टॉप 10 गैंगस्टरों में शामिल दीपक पहल उर्फ बॉक्सर के फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में छजलैट थाने के सिपाही (डाक मुंशी) अजीत सिंह को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।हरियाणा के गली नंबर तीन गांधी नगर थाना गन्नौर जनपद सोनीपत निवासी दीपक पहल उर्फ बॉक्सर ने 19 दिसंबर 2022 को अपनी मूल पहचान छिपाते हुए रवि अंतिल पुत्र मनोज अंतिल निवासी गांव गोपालपुर नत्थानंगला उर्फ कोकरपुर थाना छजलैट मुरादाबाद के नाम से एक पासपोर्ट बनवाया था। इसके बाद वह इस पासपोर्ट से ही मैक्सिको भी चला गया था। लेकिन दिल्ली के बिल्डर अमित गुप्ता की हत्या मामले में उसका नाम आने पर मैक्सिको से दिल्ली पुलिस से दीपक को गिरफ्तार कर लिया था। जांच के दौरान उसका पासपोर्ट फर्जी पाया गया। जिस पर यह पासपोर्ट बना था, उस समय छजलैट थाने के सिपाही (डाक मुंशी) अजीत सिंह पुत्र महेंद्र सिंह निवासी हसुपुरा थाना गढ़मुक्तेश्वर ने दरोगा विमल किशोर की ऑनलाइन आईडी का इस्तेमाल कर बिना जांच किए पासपोर्ट के सत्यापन पर रिपोर्ट लगा दी थी। इसका खुलासा होने पर एसएसपी हेमराज मीणा ने सिपाही अजीत को तीन दिन पहले निलंबित कर दिया था। वहीं छजलैट थानाध्यक्ष दीपक मलिक ने दीपक पहल उर्फ बॉक्सर के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी और धारा 12 पासपोर्ट एक्ट के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर लिया था।इस पूरे प्रकरण की विवेचना एसएसपी ने कांठ थाना प्रभारी निरीक्षक राम प्रसाद को सौंपी है। बृहस्पतिवार को कांठ पुलिस ने आरोपी सिपाही अजीत सिंह को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। थाना प्रभारी निरीक्षक राम प्रसाद शर्मा ने बताया अभी आगे भी इस प्रकरण की गहनता से जांच की जा रही है।
पासपोर्ट बनवाने के अधिवक्ता को तलाश रही है पुलिस
गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर के फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में पुलिस की जांच में अब तक प्रकाश में आए अगवानपुर निवासी मास्टरमाइंड अधिवक्ता महफूज को पुलिस तलाश रही है। कांठ थाना प्रभारी निरीक्षक राम प्रसाद शर्मा के अनुसार दीपक पहल उर्फ बॉक्सर का पासपोर्ट अगवानपुर निवासी महफूज ने ही बनवाया था। वह अपने को अधिवक्ता भी बताता है। उसकी तलाश में पुलिस दबिशें दे रही है, लेकिन वह अभी फरार है।
सिर्फ डाक मुंशी सिपाही पर ही कार्रवाई क्यों….?
गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर के पासपोर्ट मामले में पुलिस अधिकारियों द्वारा छजलैट थाने के डाक मुंशी सिपाही पर की गई कार्रवाई क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग मुंशी को लेकर आश्चर्य चकित हैं, उसकी गलती क्या थी। छजलैट थाने के जिस डाक मुंशी सिपाही अजीत सिंह निवासी हसुपुरा थाना गढ़मुक्तेश्वर को पहले निलंबित और बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वह थाने में वर्तमान में डाक मुंशी का काम करता था। उसका काम सिर्फ इतना था कि वह कोई भी दस्तावेज आने पर वह संबंधित दरोगा, सिपाही को देता था और कार्य पूरा होने पर उस दस्तावेज को ऊपर भेज देता था। उस अकेले पर कार्रवाई होना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सिपाही स्वयं पासपोर्ट के सत्यापन का कार्य अकेले नहीं कर सकता। इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं, जांच कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
कांठ और उमरी कलां में फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले हैं सक्रिय
पुलिस और खुफिया विभाग की आंखों में धूल झौंक कर फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले लोग क्षेत्र में सक्रिय हैं। कांठ थाना क्षेत्र के गढ़ी, सलेमपुर और उमरी कलां में ऐसे लोग रहते हैं जो सीधे साधो लोगों को जाल में फंसाकर पासपोर्ट बनवाने का काम करते हैं। इसी के साथ छजलैट थाना क्षेत्र में भी फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले सक्रिय हैं। यह लोगों के पासपोर्ट बनवाकर उन्हें विदेश में अच्छे काम पर भेजने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूलते हैं। पहले कई ऐसे मामले प्रकाश में आ चुके हैं, जिनमें लोगों को विदेश में अच्छी नौकरी के सपने दिखाए गए और वहां जाने के बाद युवकों को सिर्फ मजदूरी करने के लिए ही मिली। फर्जी पासपोर्ट बनवाने वालों के खिलाफ आज तक कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे उनके हौसले बुलंद हैं।