यूपी सरकार ने कृषि पट्टा सीमा घटाई, अब एक व्यक्ति को अधिकतम 1 एकड़ भूमि ही मिलेगी

उत्तर प्रदेश में अब किसी व्यक्ति के पास पहले से जमीन होने की स्थिति में उसे कृषि भूमि का पट्टा नहीं मिलेगा। इसके लिए राजस्व संहिता-2006 में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। वर्तमान में लागू नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति 3.113 एकड़ तक की भूमि का पट्टा प्राप्त कर सकता है, जिसमें उसके पास पहले से मौजूद भूमि भी शामिल होती है।

जमीन की सीमित उपलब्धता को देखते हुए यह बदलाव किया गया है। राजस्व संहिता की धारा 125 के तहत भूमिहीनों को पट्टे पर भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इसमें तय है कि किसी व्यक्ति को आवंटित भूमि की कुल सीमा 3.113 एकड़ से अधिक नहीं हो सकती। उदाहरण के लिए, यदि किसी के पास पहले से दो एकड़ भूमि है, तो उसे केवल 1.113 एकड़ पट्टे पर मिल सकता है।

अब प्रस्तावित संशोधन के तहत यह सीमा घटाकर एक एकड़ कर दी जाएगी। यानी अगर किसी के पास आधा एकड़ भूमि है, तो उसे अधिकतम आधा एकड़ पट्टा मिलेगा। भूमिहीन व्यक्ति को 1 एकड़ भूमि का पट्टा मिल सकता है।

ध्यान रहे कि पट्टा असंक्रमणीय होता है और इसे बेचा नहीं जा सकता। नियमों के अनुसार, पट्टाधारक को आवंटन के पांच साल बाद संक्रमणीय भूमिधर अधिकार दिया जा सकता है, जिसके बाद वह इस भूमि को बेचने का अधिकार प्राप्त कर लेता है।

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