उत्तर प्रदेश में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूचियों का व्यापक सत्यापन शुरू कर दिया गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद से अलग-अलग ग्राम पंचायतों में एक ही नाम वाले यानी डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान की गई है। इस प्रक्रिया में लगभग सवा करोड़ मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर इन चिह्नित मतदाताओं का भौतिक सत्यापन करें और जिनके नाम एक से अधिक ग्राम पंचायतों में हैं, उन्हें सूची से हटा दें।
सत्यापन में नाम और वल्दियत में 80 प्रतिशत तक समानता वाले मतदाताओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें व्यक्ति और उसके पिता के नाम का मिलान किया गया है। बीएलओ सत्यापन के दौरान आधार कार्ड की मदद भी लेंगे और आवश्यकता पड़ने पर अन्य क्षेत्रों के अधिकारियों से समन्वय करेंगे।
हालांकि फिलहाल यह प्रक्रिया केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित रहेगी। नगर निकायों में केवल शिकायत आने पर ही डुप्लीकेट नामों की जांच होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने यह अभियान 29 सितंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।