उटंगन नदी में डूबे वीनेश और ओकेश के शव सोमवार को बरामद होते ही उनके घरों में कोहराम मच गया। वीनेश का शव सबसे पहले निकाला गया, जिसे देखकर उनके पिता विजय सिंह नदी किनारे टूट पड़े। उन्होंने बेटे को लिपटकर रोते हुए संभालना मुश्किल पाया। गांव के लोग किसी तरह उन्हें संभाल पाए।

वीनेश की मां ममता देवी पांच दिनों से बिना भोजन के बेटे के लौटने की प्रतीक्षा कर रही थीं। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। छोटी बहन वर्षा और बड़ा भाई लोकेश भी भावुक होकर अपने भाई के लिए फफक पड़े।

ओकेश, छह भाइयों में सबसे छोटा और घर का लाडला, किशन और शांति सिंह का प्यारा था। पिता नदी किनारे लगातार बेटे के मिलने की आशा में बैठे थे। पांच बड़े भाई—राजेंद्र, नरेंद्र, ज्ञानी, श्रीनिवास और राहुल—भी छोटे भाई की याद में फफक रहे थे। रविवार को करन और सोमवार को ओकेश और वीनेश के शव घर लौटे, जिससे पूरे गांव में मातम फैल गया।

खेरागढ़ नगर पंचायत चेयरमैन सुधीर गर्ग ने बताया कि बचाव अभियान में तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ टीम और सेना के स्कूबा डाइवर्स भी कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। अभियान की सफलता के लिए गांव में खेरागढ़ के गुफा मंदिर में पंडित जयंती शर्मा के नेतृत्व में महामृत्युंजय मंत्र का जाप जारी है। यह तब तक चलता रहेगा, जब तक नदी में फंसे सभी लोगों की तलाश पूरी नहीं हो जाती।