सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) में आधार की मान्यता सुनिश्चित कराने के लिए पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कई क्षेत्रों में वर्ष 2003 की मतदाता सूची स्पष्ट नहीं है और पीडीए के वोट कटने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रदेश सपा मुख्यालय पर नोटबंदी के दौरान पैदा हुए खजांची का जन्मदिन मनाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "एसआईआर अभियान में पीडीए का कोई भी वोट प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके लिए हम संघर्ष करेंगे। जब 2027 में उत्तर प्रदेश से भाजपा सरकार हटेगी, तब संविधान के अनुसार प्रदेश में सरकार काम करेगी।"
अयोध्या में वोटर लिस्ट पर सवाल
अखिलेश ने अयोध्या की वोटर सूची पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि दी गई लिस्ट पढ़ने में स्पष्ट नहीं है। उन्होंने पूछा कि कितने पीडीए के ईआरओ नियुक्त किए गए और आरोप लगाया कि भाजपा पहले से ही वोट में बेईमानी करने की योजना बना रही है।
नोटबंदी और अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी
अखिलेश यादव ने नोटबंदी, कोविड और जीएसटी के असर पर कहा कि इससे व्यापार चौपट हुआ है और प्रदेश में गंभीर खाद्य संकट है। उन्होंने कहा कि समाजवादी अपने संसाधनों से खजांची की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं।
खांसी के सिरप घोटाले और स्मार्ट सिटी पर आरोप
उन्होंने खांसी के सिरप के नशे के इस्तेमाल में भाजपा नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया। साथ ही दस साल में स्मार्ट सिटी योजनाओं के नाम पर शहरों को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया।
एटीएस कार्रवाई पर कटाक्ष
अखिलेश ने एटीएस द्वारा आतंकी पकड़ने की हालिया कार्रवाई पर कहा कि सरकार का सूचना तंत्र कमजोर है। कटाक्ष करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह की साजिशें समझने के लिए नेटफ्लिक्स के सीरियल देखे जा सकते हैं।