उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी शासन से अंतरराज्यीय माफिया घोषित है। जिसका गिरोह कई राज्यों में फैला हुआ है और अपराधों की फेहरिस्त भी काफी लंबी है। सुनील राठी के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला, रंगदारी मांगने समेत 41 मुकदमे दर्ज हैं।

एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि टीकरी गांव के रहने वाले सुनील राठी को शासन ने माफिया घोषित कर दिया था। जिस पर बागपत जेल में हुई डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या का भी आरोप लगा था। गैंगस्टर के मुकदमे में सुनील राठी की 1.20 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की जा चुकी है। इसके अलावा नीरज बवाना पर हत्या, लूटपाट समेत 26 मुकदमे और सचिन हलालपुर पर 16 मुकदमे दर्ज हैं।

सुनील राठी को 10 तो नीरज बवाना को सात व सचिन को पांच साल की सजा
बागपत में गैंगस्टर के मुकदमे में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष गैंगस्टर ने कुख्यात सुनील राठी को दस साल, नीरज बवाना को सात साल और सचिन हलालपुर को पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही सुनील राठी पर एक लाख रुपये, नीरज बवाना पर 70 हजार रुपये और सचिन हलालपुर पर 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया।

कौन है कुख्यात सुनील राठी
पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोपी और एक लाख का इनामी कुख्यात सुनील राठी इन दिनों जेल में बंद है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अपराध जगत में सुनील राठी का नाम बड़ा है। बताया जाता है कि अपने पिता की हत्या कर उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद एक-एक करके चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद लोग सुनील के नाम से भी डरने लगे। उसकी मां पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी के टिकट पर छपरौली विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुकी हैं।

सुनील राठी का नाम पिछले साल तब सुर्खियों में आया था, जब उसने रुड़की शहर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। बागपत जेल में बंद रहते हुए उसने डॉक्टर से अपनी मां तक इन पैसों को पहुंचाने के लिए कहा था। इसके बाद रुड़की पुलिस सुनील राठी को रिमांड पर लेकर आई थी।